6 एकड़ में सेब, अमरूद ,आम और नींबू की खेती, बुजुर्ग किसान की इस तकनीक से होगी लाखों की कमाई

खबरें बिहार की प्रेरणादायक

कहते हैं उत्तम खेती, मध्यम बान, अधम चाकरी, भीख निदान. एक तरफ जहां सरकार अन्नदाता किसानों पर काफी ध्यान दे रही है. वहीं पूर्णिया के एक बुजुर्ग किसान भी पारंपरिक खेती से हटकर बड़े पैमाने पर सेव, अमरूद, आम और नींबू की खेती कर रहे हैं. वह भी जैविक तरीके से. बुजुर्ग किसान के इस उद्यानिकी फसलों के बागान को देखने दूर-दूर से लोग आते हैं और विपरीत जलवायु में फसल उगाने की तकनीक समझते है. अन्य किसान उनसे प्रेरणा भी लेते हैं.

ये है पूर्णिया के बनमनखी के 75 वर्षीय किसान राजेंद्र प्रसाद साह. राजेंद्र प्रसाद साह पहले कृषि विभाग में जॉब करते थे. रिटायर होने के बाद उसने अपने 6 एकड़ जमीन में राजस्थानी सेव, नींबू ,आम और अमरूद की मिश्रित खेती कर बेहतरीन नस्ल के पौधे लगाए हैं. राजेंद्र प्रसाद साह की माने तो उसने अपने खेत में 1000 सेब, 500 नींबू, 1000 अमरुद और 60 आम के पौधे लगाए हैं. सेव अमूमन ठंडा और पहाड़ी क्षेत्र में ज्यादा होता है. लेकिन, उसने गर्म प्रदेश राजस्थान से मंगाए गए सेव के पौधे को लगाया है. ताकि यह सेब गर्म प्रदेशों के लिए भी अनुकूल है.

राजेंद्र साह कहते हैं कि अभी सभी पौधे 6 महीने के भी नहीं हुए हैं. लेकिन, आने वाले वर्ष में इसमें फलन शुरू हो जाएगा, जिसकी मांग स्थानीय बाजारों के साथ साथ बाहर भी होगा. इससे उन्हें प्रतिवर्ष लाखों रुपए की आमदनी होगी .उन्होंने कहा कि अन्य किसानों को भी पारंपरिक खेती से हटकर कुछ अलग खेती करना चाहिए ताकि उसकी आमदनी बढे. बागानों की देखरेख करने वाले केयरटेकर उमेश शर्मा कहते हैं कि वे अपने 6 एकड़ के बागान में सूक्ष्म सिंचाई योजना लगाए हैं. जिससे  पूरे बागान में महज आधे घंटे में टपक सिंचाई विधि से पटवन हो जाता है.

उन्होंने कहा कि वह बाहर के रासायनिक खाद का प्रयोग नहीं करते हैं. बल्कि अपने से बनाकर जैविक खाद से पूर्णतः जैविक तरीके से सेव, नींबू और अमरुद के पौधे लगाए गए हैं. इससे उनका पौधा काफी तेजी से बढ़ रहा है. सरकार ने खेती और किसानी पर काफी ध्यान दिया है. ऐसे में पारंपरिक खेती से हटकर जिस तरह राजेंद्र साह जैसे किसान बड़े पैमाने पर एक साथ सेव, अमरूद, आम और नींबू की खेती जैविक तरीके से कर रहे हैं. वह अन्य किसानों के लिए भी प्रेरणा स्रोत है. साथ ही इससे किसानों को अच्छी आमदनी भी हो रही है

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *