55 साल से इस दुकान की घी-दही का कोई तोड़ नहीं, 3 जिले से खरीदने आते हैं स्वाद के दीवाने

जानकारी

कहते हैं कि काम कोई छोटा या बड़ा नहीं होता है. बस काम को पूरे तन्मयता से किया जाए, तो सफलता जरूर मिलती है. ऐसा ही कुछ वैशाली जिले में भी देखा जा रहा है.हाल के दिनों में वैशाली में लघु और कुटीर उद्योगों की गति बढ़ी है. अधिकांश लोग उद्योग विभाग से लोन लेकर छोटे-छोटे उद्योग शुरू किए हैं. इसमें उन्हें सफलता भी मिल रही है. हाजीपुर में अगर आप शुद्ध दही और घी खरीदना चाहते हैं, तो अनिल साह की दुकान पर जा सकते हैं.

तीन जिले में होती है घी और दही की सप्लाई
हाजीपुर-मुजफ्फरपुर एनएच-77 पर गोरौल चौक के रहने वाले अनिल साह अपने पूर्वज के द्वारा शुरू किए गए काम को अब नए लुक में आगे बढ़ा रहे हैं. अनिल साह के दादा जामुन साह किसी जमाने में घी और दही का कारोबार करते थे. 50 साल से भी अधिक पुराने इस व्यवसाय को अब अनिल आगे बढ़ा रहे हैं.आज अनिल शाह का घी और दही वैशाली ही नहीं, सीमावर्ती जिला मुजफ्फरपुर और सारण तक सप्लाई किया जाता है.अनिल ने अपनी दुकान पर 6 लोगों को काम पर भी रखा है.

तीन पुश्तों से चला रहे कारोबार
अनिल साह बताते हैं कि उनके दादा स्व. जामुन साह वर्ष 1969 से गोरौल चौक पर घी का कारोबार करते थे. उनके बाद कुछ दिनों तक पिताजी ने इस काम को संभाला. लेकिन हमने वर्ष 2018 में अपने पूर्वजों के काम को आगे बढ़ाने की सोचा. इसके बाद उन्होंने दो साल पहले प्रधानमंत्री उद्योग योजना से 10 लख रुपए का लोन लिया और कारोबार को आगे बढ़ाया

आज वैशाली जिले के तमाम प्रखंडों और जिले के सीमावर्ती इलाके में उनकी दुकान का घी और दही पहुंचता है. वे बताते हैं कि हर माह औसतनडेढ़ क्विंटल घी की खपत है, जो वे 700 रुपए किलो की दर से बेचते हैं.

 

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