पटना: देश की जानी-मानी इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) के 50 पूर्व छात्रों के एक ग्रुप ने अपनी नौकरियां छोड़कर एक राजनीतिक पार्टी का गठन किया है. चुनाव आयोग की मंजूरी का इंतजार कर रहे इस समूह ने अपने राजनीतिक संगठन का नाम ‘बहुजन आजाद पार्टी’ (BAP) रखा है. उन्होंने यह कदम अनुसूचित जातियों (एससी), अनुसूचित जनजातियों (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्गों (ओबीसी) के अधिकारों की लड़ाई लड़ने के लिए उठाया है.
इस समूह के नेतृत्वकर्ता और वर्ष 2015 में आईआईटी-दिल्ली से ग्रेजुएट नवीन कुमार ने बताया, ‘हम 50 लोगों का एक समूह हैं और सभी अलग-अलग आईआईटी से हैं, जिन्होंने पार्टी के लिए काम करने के लिए अपनी फुलटाइम नौकरियां छोड़ दी हैं. उन्होंने बताया कि पार्टी की मंजूरी के लिए चुनाव आयोग में अर्जी दी गई है और इस बीच जमीनी स्तर पर काम किया जा रहा है.’
बहरहाल, पार्टी के सदस्य आनन-फानन में चुनावी मैदान में नहीं कूदना चाहते. उन्होंने कहा कि उनका मकसद 2019 के लोकसभा चुनाव लड़ना नहीं है.
बकौल नवीन कुमार, ‘हम जल्दबाजी में कोई काम नहीं करना चाहते और हम बड़ी महत्वाकांक्षा वाला छोटा संगठन बनकर नहीं रह जाना चाहते. हम वर्ष 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव से शुरुआत करेंगे और फिर अगले लोकसभा चुनाव का लक्ष्य तय करेंगे.’
बता दें, मूल रूप से इस संगठन में एससी, एसटी और ओबीसी तबके के सदस्य हैं, जिनका मानना है कि पिछड़े वर्गों को शिक्षा एवं रोजगार के मामले में उनका वाजिब हक नहीं मिला है. पार्टी ने सोशल मीडिया पर अपना प्रचार शुरू कर दिया है.