सीमावर्ती क्षेत्र में खपाने के उद्देश्य से पश्चिम बंगाल के मालदा से भेजे गए 11.66 लाख रुपये के
नकली नोटों के साथ शुक्रवार को पुलिस ने दो धंधेबाजों को गिरफ्तार किया। एसपी हर किशोर राय ने
बताया कि एक आरोपी नेयाज अहमद दरभंगा के जाले का रहने वाला है, जबकि दूसरा आरोपी वसीर
मियां सीतामढ़ी का। दोनों का संबंध अंतरराज्यीय गिरोह से है और नोटों की डिलीवरी सीतामढ़ी के
मेजरगंज में करनी थी।
सीतामढ़ी पुलिस ने घेराबंदी कर दोनों शातिर के पास से 11 लाख 66 हजार 7 सौ 50 रुपये बरामद
किये हैं। सूचना मिली थी कि दरभंगा के जाले का व्यक्ति जाली नोट की खेप लेकर मेजरगंज जाने
वाली है। डीएसपी हेडक्वार्टर प्रथम रामकृष्णा के नेतृत्व में बनी टीम ने नानपुर के मझौर-हरिनगर मार्ग
पर वाहनों की जांच शुरू की। इस दौरान दोनों नोट तस्कर पकड़े गए।
मालदा से आयी थी नकली नोटों की खेप
सीमावर्ती क्षेत्र में खपाने के लिए पश्चिम बंगाल के मालदा से भेजे गए 11.66
लाख रुपये के नकली नोटों के साथ शुक्रवार को पकड़े गए दो धंधेबाजों की गिरफ्तारी से एक बार फिर
साफ हो गया है, इसके पीछे बड़ा गिरोह सक्रिय है। एसपी हरकिशोर राय ने कहा है कि इसके पीछे
अंतरराज्यीय गिरोह काम करता है।
बिहार के सभी सीमावर्ती जिलों में जाली नोटों के खपाने का गिरोह सक्रिय है। पुलिस अनुसंधान में यह
बात सामने आ चुकी है कि पश्चिम बंगाल के मालदा से नकली नोटों की खेप आती है। एसपी ने
बताया कि दोनों आरोपियों से पूछताछ में पता चला है कि नकली नोटों की डिलीवरी मेजरगंज में करनी
थी। वहां से भारत-नेपाल के सीमावर्ती क्षेत्र के गांवों में इसे खपाने की साजिश थी। एक आरोपी नेयाज
ने बताया है कि नोटों की खेप पश्चिम बंगाल के मालदा से आयी है। उसने गिरोह के संबंध में कई
जानकारी दी है। पुलिस हर बिंदुओं पर जांच कर रही है। गिरोह के नेटवर्क का जल्द भंडाफोड़ किया
जाएगा।
50 से 2000 तक के थे नकली नोट
एसपी ने बताया कि जब्त नकली नोटों में 50, सौ, दो सौ, पांच सौ व दो हजार के नोट शामिल हैं। सौ
रुपये के कुछ पुराने नोट भी हैं। उन्होंने बताया कि पूछताछ में नेयाज ने कहा है कि 50-100 के नोटों
की जांच लोग काफी कम करते हैं। ऐसे में इसे खपाने में आसानी होती है। पुलिस ने दो धंधेबाजों को
गिरफ्तार कर लिया है।
एसपी ने बताया कि सूचना मिली थी कि दरभंगा के जाले का रहने वाला व्यक्ति जाली नोट की खेप
लेकर मेजरगंज जाने वाली है। डीएसपी हेडक्वार्टर प्रथम रामकृष्णा के नेतृत्व में टीम बनायी गयी। टीम
ने नानपुर के मझौर-हरिनगर मार्ग पर वाहनों की जांच शुरू की। इस दौरान हरिनगर की ओर से आ रहे
बाइक सवार दो लोग बाइक रोककर भागने लगे। पुलिस ने दोनों को खदेड़कर पकड़ा। पूछताछ व जांच
के दौरान नकली नोट बरामद हुए। आरोपियों की पहचान दरभंगा के जाले थाना के रेवधा निवासी स्व.
एजाजुल हक के पुत्र नेयाज अहमद और सीतामढ़ी के डुमरा थाना के सिमरा वार्ड नंबर सात निवासी मो.
सफायद के पुत्र वसीर मियां के रूप में की गयी है। एसपी ने बताया कि टीम में नानपुर थानेदार राकेश
रंजन, पुअनि विजय कुमार राम व पुलिस जवान शामिल थे।
पुलिस ने खदेड़कर दोनों शातिर को पकड़ा
सूचना मिलने के बाद पुलिस टीम ने घेराबंदी कर वाहनों की जांच शुरू कर दी। इस दौरान हरिनगर की
ओर से आ रहे बाइक सवार दो लोग भागने लगे। पुलिस ने दोनों को खदेड़कर पकड़ा। आरोपियों की
पहचान दरभंगा के जाले थाना के रेवधा निवासी नेयाज अहमद और सीतामढ़ी के डुमरा थाना के सिमरा
वार्ड नंबर सात निवासी वसीर मियां के रूप में की गयी है।
नेयाज का धोखाधड़ी से लंबा इतिहास रहा है
नेयाज का धोखाधड़ी का लंबा इतिहास रहा है। वर्ष 1993 में उसने रेवढ़ा के ही फूल बाबू से डेढ़ लाख
का लालच देकर 50 हजार रुपए की ठगी कर ली थी। इस मामले में उसके खिलाफ मुजफ्फरपुर में कस
दर्ज है। जाली नोट के तीन और मामलों में उसके खिलाफ केस दर्ज है।