आलू चॉप का जेहन में ख्याल आते हीं मुंह में पानी आने लगता है. बाजार में एक से बढ़कर एक चटपटा आइटम खाने के लिए उपलब्ध है. बिहार के छपरा में भी आपको एक से एक लजीज डिश खाने को मिलेगा. लेकिल स्टॉल पर मिलने वाले कुछ डिश लोगों को बेहद पसंद आते हैं. उसी में से एक है आलू चॉप. आप छपरा के विभिन्न स्थानों पर आलू चॉप तो जरूर खाए होंगे, लेकिन छपरा के दाउदपुर बाजार में एक खास दुकान है, जहां का आलू चॉप काफी चटपटा होता है. इस आलू चॉप को खाने के लिए छपरा के दाउदपुर बाजार के पास पकोड़ा वाले राम बाबू साह की दुकान पर आना पड़ेगा.
यहां का आलू चॉप अपने स्वाद और साइज के मामले में काफी मशहूर है. जो एक बार चख लेते हैं दोबारा यहां जरूर आते हैं. राम बाबू साह पिछले 42 वर्षो से लोगों को आलू चॉप खिला रहे हैं. इस दुकान में आलू चॉप खाने के लिए छपरा के हर कोने से लोग पहुंचते हैं. यहां का आलू चॉप का क्रेज इतना है कि लोग खाने का इंतजार करते हैं.
42 वर्ष पुराना है राम बाबू साह का आलू चॉप की दुकान
स्थानीय लोगों ने बताया कि राम बाबू साह पिछले 42 वर्षों से छपरा वासियों को आलू चॉप, जलेबी सहित अन्य व्यंजन खिला रहे हैं. हालांकि राम बाबू साह ने अपनी क्वालिटी से कभी समझौता नहीं किया. आलू चॉप के स्वाद के संबंध में ग्राहक आशीष कुमार ने बताया कि पिछले 8 वर्षो से यहां का आलू चॉप खा रहे हैं, आलू चॉप में जो स्वाद पहले मिलता था, वहीं स्वाद आज भी मिलता है. उन्होंने बताया कि राम बाबू साह के नाम से यह दुकान छपरा में काफी प्रसिद्ध है और उन्हीं के द्वारा संचालित किया जाता था. अब उनके बेटे दुकान चलाने में सहयोग कर रहे हैं. खास बात यह है आलू चॉप का वही स्वाद अब भी बरकरार है.
500 पीस आलू चॉप की रोजाना हो जाती है बिक्री
दुकानदार राम बाबू साह ने बताया कि घर पर हीं खुद से मसाला तैयार करते हैं. कोयले की आंच पर आलू चॉप को बनाते हैं. इसलिए लोगों को घर वाला स्वाद मिल जाता है. यही वजह है कि दूर-दराज इलाके के लोग भी इस ओर से गुजरते हैं तो यहां आलू चॉप जरूर खाकर जाते हैं. राम बाबू साह ने बताया एक पीस आलू चॉप 5 रूपये में बेचा जाता है. दुकानदार राम बाबू साह ने बताया कि इस दुकान पर रोजाना 35 से 45 किलो बेसन की खपत है. रोजाना 500 पीस आलू चॉप की बिक्री हो जाती है.