राजधानी के पॉश एरिया में भी अब डेंगू पांव पसार रहा है। अब तक डेंगू के जितने भी मामले पटना में आये हैं, उनमें से तकरीबन 40 प्रतिशत पॉश एरिया से ही हैं। यह खुलासा पीएमसीएच के माइक्रोबायोलॉजी व स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट में हुआ। शहर में इस बार मच्छर जनित बीमारियों का प्रकोप तेजी से फैल रहा है। पिछले 15 दिनों में शहर के अलग-अलग हिस्से के कुल 40 डेंगू मरीज PMCH के डेंगू वार्ड में भर्ती कराए गए। राजधानी से लेकर राज्य के विभिन्न जिलों से मरीज PMCH पहुंच रहे हैं।
शहर के हर मोहल्ले में कोई न कोई मरीज डेंगू का शिकार है।वहीं स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि इन क्षेत्रों पर वह सबसे अधिक फोकस कर रहा है. दवा का छिड़काव किया जा रहा है। इनसे बड़ी और चौड़ी सड़कों पर तो आसानी से फॉगिंग हो जाती है, लेकिन संकरी गलियों में इनका पहुंचना मुश्किल होता। बच्चों में बढ़ी मलेरिया बीमारी इस बार डेंगू, चिकनगुनिया के बाद मलेरिया बीमारी का प्रसार भी तेजी से हो रहा है। खासकर बच्चों में।
पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ. राजीव रंजन प्रसाद का कहना है कि राज्यभर से अस्पताल में डेंगू मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं। यहां पर उनके इलाज की समुचित व्यवस्था की गई है। स्वस्थ विभाग के मुताबिक इन इलाकों में बड़े बंगले हैं और उनकी साफ-सफाई का ध्यान ठीक से रखा नहीं जा रहा है। इनमें से ज्यादातर खाली पड़े हैं। इसके अलावा बरसात का पानी खाली प्लाॅटों व इन बंगलों की छतों और छज्जों पर जमा रहता है। इन्हें साफ करने वाला कोई नहीं है।
ऐसे में वहां जमा पानी में डेंगू के मच्छर पैदा हो जाते हैं। एंटी लार्वा का छिड़काव करनेवाले कर्मचारी भी इन मकानों में नहीं पहुंच पाते हैं। डेंगू के मच्छरों से बचाव का सबसे बेहतर उपाय है कि रात में मच्छरदानी लगाकर सोया जाएं। इसके अलावा सोने वाले कमरे में मच्छर मारने वाली दवाओं का भी उपयोग कर सकते हैं। मच्छर भगाने वाली कई दवाएं भी बाजार में आ गई हैं, जिनका उपयोग कर सकते हैं।