35 हजार छात्राएं कन्या उत्थान योजना के लाभ से वंचित, CM के जनता दरबार में पहुंच रहे मामले

जानकारी

वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय (वीकेएसयू) समेत बिहार के कई विश्वविद्यालयों में विलंब से रिजल्ट जारी करने का खमियाजा हजारों छात्राएं भुगत रही हैं।

केवल वीकेएसयू से 35 हजार छात्राएं स्नातक के सत्र 2019-22 में पासआउट होने के बाद आवेदन करने से इसलिए वंचित रह गईं, क्योंकि शिक्षा विभाग ने 31 मार्च 2023 तक स्नातक, पार्ट थर्ड की उत्तीर्ण छात्राओं को आवेदन करने का अवसर दिया।

वीकेएसयू समेत अन्य कई विश्वविद्यालय ने अप्रैल के दूसरे और तीसरे सप्ताह में सत्र 2019-22 का रिजल्ट जारी किया। इसलिए वीकेएसयू की छात्राएं आवेदन करने से वंचित रह गईं।

जानकार लोगों ने बताया कि केवल पटना और पाटलिपुत्रा विश्वविद्यालय की छात्राओं को आवेदन करने का मौका मिला। उपर्युक्त दोनों विश्वविद्यालयों में पर 31 मार्च तक रिजल्ट जारी हो गया था।

अन्य विश्वविद्यालय में अप्रैल में स्नातक के सत्र 2019-22 का रिजल्ट जारी हुआ। इधर, स्नातक उत्तीर्ण छात्राएं और उसके स्वजन प्रतिदिन विश्वविद्यालय में कन्या उत्थान की राशि के लिए दौड़ लगा रही हैं।

छात्राएं मुख्यमंत्री दरबार में लगा रही गुहार

मुख्यमंत्री उत्थान के लाभुक राशि के दावा करने के लिए विश्वविद्यालय ही नहीं, बल्कि मुख्यमंत्री जनता दरबार में जाकर राशि निर्गत करने के लिए प्रार्थना करती हैं। ऐसे कई मामले विवि में मुख्यमंत्री के जनता दरबार से आये हैं, जो कन्या उत्थान की राशि की मांग कर रहे हैं।

इसके पहले शिक्षा विभाग ने एक अप्रैल 2018 से 31 मार्च 2021 के बीच स्नातक उत्तीर्ण छात्राओं आवेदन करने के लिए आखिरी मौका दिया था। इन छात्राओं को मुख्यमंत्री कन्या उत्थान की प्रोत्साहन राशि 25 हजार रुपये मिलनी है।

31 मार्च 2021 के बाद पास छात्राओं को 50 हजार रुपये प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान है। इसके लिए अलग पोर्टल है। इस पर विवि से 21,424 छात्राओं ने आवेदन किया था।

इसमें अधिकांश को राशि मिल चुकी है। इसके लिए पुराना पोर्टल खोला जाएगा। जो छात्राएं आवेदन कर चुकी हैं और जिनका भुगतान लंबित है, उन्हें जल्द प्रोत्साहन राशि मिलेगी।

पुराने पोर्टल पर आठ हजार छात्राओं को मिली है राशि विवि के पुराने पोर्टल पर आवेदन करने वाले आठ हजार छात्राओं को इससे लाभ मिला है।

कन्या उत्थान योजना के नोडल पदाधिकारी बाकरुत जमा ने बताया कि पुराने पोर्टल पर जिन छात्राओं ने आवेदन किया था और उन्हें राशि नहीं मिली थी, उनको मिलने का रास्ता साफ हो गया है। पुराने पोर्टल पर आवेदन करने वाली सभी छात्राओं के सर्टिफिकेट का सत्यापन करके पोर्टल पर अपलोड किया गया है।

 

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