16 बार फेल होकर भी नहीं मानी हार, बना डाला स्मार्ट इन्वर्टर, टेस्ला वाले हो जाएंगे हैरान

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कहा जाता है कि ‘आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है’. इस बात को सच किया है पटना के प्रणव सुमन ने. 15 साल के प्रणव सुमन के पिता की आर्थिक हालत ऐसी नहीं थी कि वे गर्मी से बचने के लिए घर में इन्वर्टर खरीद सकें. पूरा परिवार बिजली जाने के बाद परेशान हो जाता था. परिवार की हालात देख प्रणव से रहा नहीं गया और उसने ठान लिया खुद से सस्ता इन्वर्टर बनाएगा, ताकि उसके परिवार वालों को ही नहीं, बल्कि ऐसे कई परिवार को पैसों की तंगी की वजह से गर्मी में परेशान ना होना पड़े. लगभग डेढ़ साल की कड़ी मेहनत और 16 बार फेल होने के बाद भी प्रणव का हौसला टूटा नहीं, बल्कि हर बार और मजबूत होता चला गया.

17वीं बार में प्रणव को सफलता हाथ लगी और स्मार्ट इन्वर्टर बनकर तैयार हो गया. इस स्मार्ट इन्वर्टरका नाम रखा गया इंडस 1100 (Indus 1100 Smart Inverter).

क्या है इस इन्वर्टर की खासियत
इंडस 1100 स्मार्ट इन्वर्टरपूरी तरह से स्मार्ट तरीके से काम करता है. यह नए युग का इन्वर्टरहै. इसमें टच स्क्रीन डिस्पले दिया गया है. बैट्री को किताब जैसे आकार में बनाया गया है. सबसे खास बात यह है कि यह इन्वर्टर बाजार में मिलने वाले इन्वर्टर से कई गुना सस्ता है. टच स्क्रीन डिस्प्ले पर सारे तरह के इंडिकेटर्स दिए गए हैं. जैसे- शॉर्ट सर्किट इंडिकेशन, नॉर्मल चार्जिंग इंडिकेशन, सोलर चार्जिंग इंडिकेशन, पावर ऑन/ऑफ इंडिकेशन, आदि. यह इन्वर्टर बहुत ज्यादा लोड देकर प्रयोग करने पर 3 घंटे तक का बैकअप दे सकता है.

इसपर पंखा, बल्ब, आयरन, मिक्सर भी चला सकते हैं. इसका सिस्टम ऐसा बनाया गया है कि अगर इस इन्वर्टर की वजह से घर में कहीं भी शॉर्ट सर्किट होता है तो यह अपने आप पावर को कट कर सकता है. बाईपास स्विच दिया गया है, जो ओवरलोड होने पर पॉवर को कट कर सकता है. इसके साथ ही नए युग के इस इन्वर्टर में ऐसी कई सुविधाएं दी गई है, जो लोगों के लिए किफायती भी है और उपयोगी भी.

टेस्ला वाले भी इसको देख हो जाएंगे हैरान


बाजार में मिलने वाले इन्वर्टरके साथ जो बैट्रा आता है, जो काफी बड़ा होता है. ज्यादा जगह भी लेता है. लेकिन इस स्मार्ट इन्वर्टर में किताब के आकार जैसी बैट्री लगाई गई है, जो इन्वर्टर में ही लगी रहती है. इसका साइज 25 सेमी लंबाई, 18 सेमी चौड़ाई और 3 सेमी ऊंचाई है. यह बैट्री लिथियम आयन ड्राई सेल है, जो कि लो कॉस्ट और कम वेट वाली है. इसकी एफिशिएंसी 92% है. इस इन्वर्टर में तीस ड्राई सेल को एक स्प्रेड शीट पर पैरलल कनेक्शन में बिछाया गया है.

इसी प्रकार की तकनीक का इस्तेमाल कर टेस्ला जैसी कार को बनाई जाती है. जरा सोचिए कि टेस्ला के लिए जिस बैट्री को पूरी दुनिया के टॉप इंजीनियर्स ने बनाया उसी तकनीक पर आधारित बैट्री को पटना के 15 साल के प्रणव सुमन ने अपने घर में बैठकर बना डाला. इस इन्वर्टर को बनाने में प्रणव को चार हजार खर्च आया. जबकि यह बाजार में कम से कम 5 से 6 हजार रुपए में उपलब्ध हो जाएगा.

फिलहाल प्रणव से अलग-अलग कंपनियां भी सम्पर्क कर रही है और इसके मास प्रोडक्शन के लिए डील करना चाह रही है. यह इन्वर्टर पूरी तरह से बनकर तैयार है और इसका इस्तेमाल प्रणव का परिवार भी कर रहा है.

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