पटना: पटना से दीघा तक चलने वाली घाटे की रेल अब कुछ दिन की मेहमान है। दरअसल, रेल मंत्री पीयूष गोयल ने बिहार के मंत्रियों की मांग पर रेलवे की जमीन को बिहार सरकार को सौंपने की अनुमति दे दी है। उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आर ब्लॉक-दीघा रेललाइन की 71 एकड़ जमीन संशोधित दर पर बिहार सरकार को सड़क निर्माण के लिए सौंपने की अनुमति देने पर रेल मंत्री पीयूष गोयल का आभार व्यक्त किया।
उन्होंने कहा कि पिछले एक महीने में दूसरी बार बुधवार को रेल मंत्री से मुलाकात कर यह जमीन बिहार सरकार को सौंपने का आग्रह किया था। उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने पटना के आर.ब्लॉक-दीघा रेल लाइन की 71 एकड़ जमीन राज्य सरकार को सौंपने की सहमति देने पर रेलमंत्री पीयूष गोयल का आभार व्यक्त किया है। गुरुवार को मोदी ने कहा कि इस फैसले से 150 वर्ष पुरानी इस रेल ट्रैक पर सड़क निर्माण का किया जाना संभव हो सकेगा। मोदी ने आर.ब्लॉक-दीघा रेललाइन की जमीन संशोधित दर पर बिहार सरकार को सड़क निर्माण के लिए सौंपने के लिए रेलमंत्री से बुधवार को बात की थी।
इसके ठीक 24 घंटे के भीतर रेलमंत्री गोयल ने अपने आश्वासन को पूरा किया। इससे आर.ब्लॉक-दीघा के बीच छह किलोमीटर लम्बी और 30 मीटर चौड़ी सड़क बन सकेगी। पहले इस जमीन का रेलवे ने बाजार दर पर 896 करोड़ रुपये मूल्य तय किया था। लेकिन, केन्द्र में एनडीए की सरकार बनने के बाद इसके पुनर्मूल्यांकन के बिहार सरकार के प्रस्ताव को रेलवे ने स्वीकार कर लिया। नई दर 221 करोड़ रुपये तय की गई है। मोदी ने कहा कि सड़क निर्माण होने से आर.ब्लॉक से दीघा की दूरी ना केवल दो किलोमीटर कम हो जायेगी बल्कि समय की भी बचत होगी।
इससे करीब बारह मुहल्लों के लोगों को दीघा-आर.ब्लॉक आने-जाने में सहूलियत होगी। इस सड़क के बन जाने से बेली रोड पर यातायात का दबाव कम होगा तथा पटना को एक नई सड़क उपलब्ध हो जाएगी। पटना से दीघा तक चलने वाली घाटे की रेल अब कुछ दिन की मेहमान है। दरअसल, रेल मंत्री पीयूष गोयल ने बिहार के मंत्रियों की मांग पर रेलवे की जमीन को बिहार सरकार को सौंपने की अनुमति दे दी है। उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आर ब्लॉक-दीघा रेललाइन की 71 एकड़ जमीन संशोधित दर पर बिहार सरकार को सड़क निर्माण के लिए सौंपने की अनुमति देने पर रेल मंत्री पीयूष गोयल का आभार व्यक्त किया।
उन्होंने कहा कि पिछले एक महीने में दूसरी बार बुधवार को रेल मंत्री से मुलाकात कर यह जमीन बिहार सरकार को सौंपने का आग्रह किया था। पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव ने कहा कि रेलवे की जमीन मिलने के बाद पथ निर्माण विभाग द्वारा जमीन पर फोर लेन सड़क का निर्माण कराया जाएगा। इसके साथ ही दो लेन के बीच इतना गैप छोडा जाएगा कि भविष्य में उस गैप पर मेट्रो रेल का परिचालन हो सके। गौरतलब है कि छह किमी लंबी इस रेलवे ट्रैक पर ट्रेन के परिचालन में रेलवे को प्रति वर्ष लाखों रुपए खर्च करना पड़ता है। जबकि प्रतिदिन मात्र 20-25 लोग ही सफर करते हैं।
Source: live bihar