कोरोना का टीका 12 बार लेने का दावा करने वाले बुजुर्ग ब्रह्मदेव मंडल की गिरफ्तारी से पहले मामले की जांच होगी। पांच दिन पहले गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही पुलिस के रुख में बदलाव आया है। छापे के बाद बुजुर्ग ने खुदकुशी की धमकी दी थी। संभवत: इसी वजह से पुलिस ने पहले जांच की बात कही है। एसपी राजेश कुमार ने 12 बार टीक लगवाने का दावा करने वाले 84 वर्षीय सेवानिवृत्त डाककर्मी ब्रह्मदेव मंडल को तत्काल गिरफ्तार करने के बजाय पहले मामले की जांच करने बात कही है।
मालूम हो कि पुरैनी प्रखंड के औराय गांव निवासी मंडल द्वारा 10 माह में कोरोना का टीका 12 बार लगवाने का दावा किए जाने के बाद स्वास्थ्य विभाग की ओर से पुरैनी थाना में उनके विरुद्ध धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया गया है। केस दर्ज होने के बाद गत नौ जनवरी की रात की पुलिस वृद्ध ब्रह्मदेव मंडल को गिरफ्तार करने के लिए उनके घर पहुंची थी। पुलिस के बर्ताव पर उनकी पत्नी निर्मला देवी ने सख्त नाराजगी जतायी थी। गिरफ्तार किए जाने के भय से वे घर छोड़ कर कहीं और रह रहे हैं। इस बीच उन्होंने गिरफ्तार किए जाने पर आत्महत्या करने की धमकी भी दी।
दूसरी ओर विधायक प्रो. चंद्रशेखर ने भी वृद्ध की गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की है। वहीं जाप प्रमुख और पूर्व सांसद पप्पू यादव ने ब्रह्मदेव मंडल मामले में व्यवस्था की खामियों पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि उनके साथ अपराधी के जैसा व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए। वृद्ध के घर पर दबिश दिए जाने के बाद उनके द्वारा आत्महत्या की धमकी और लोगों की मिल रही सहानुभूति को देखते हुए पुलिस के रुख में नरमी आयी है।