भारत में, चाय न केवल एक पेय पदार्थ है बल्कि दिन की शुरूआत करने का सबसे मुख्य हिस्सा है। यह वास्तव में बहुत से लोगों के लिए एक लाइफसेवर के सामान है और जीवन की एक सुरीली मीठी धुन की तरह है। किसी भी चाय प्रेमी को जब चाय पीनी होती है तो वे उसे पाने के लिए निश्चित रूप से कहीं-न-कहीं से जुगाड़ कर ही लेते हैं, बस उन्हें नाटक या बहाना बनाने के लिए थोड़ी मेहनत करनी चाहिए। चाय भारत का सबसे लोकप्रिय पेय पदार्थ है। चाय पीने की की परंपरा भारत में सभी सीमाओं से आगे बढ़ती जा रही है। आप हर नुक्कड़, गलियों और सड़कों पर चाय पिलाया जाता है।
चलो देखते हैं कि भारत के लोग सिर्फ एक कप चाय पीने के लिए कितना नाटक करते हैं?
कौन कहता है कि एक चाय प्रेमी सिंगल हैं, “दे आर इन लव विद चाय”!
- अगर आप किसी के साथ डिबेट के लिए जा रहे हैं, जिसे आमतौर पर “चाय पे चर्चा” भी कहा जाता है लेकिन उस डिबेट का चाय से कोई कनेक्शन है और यह वास्तव में ये भी जरूरी नहीं है कि एक कप चाय आपके सिरदर्द को खत्म कर देगी। तो, सिर्फ एक चाय पे डिपेंडेंट ना रहे और बाकि के परिणामों के लिए भी तैयार रहें।
- चाय प्रेमियों के लिए वास्तव में दवाओं का मतलब कुछ भी नहीं होता। चाहे वो किसी भी समस्या से पीड़ित होंगे या किसी भी परिस्थिति में होंगे तो उन्हें बस एक कप चाय के अलावा कुछ और नहीं सूझता। वे लोग सिर्फ के कप की चुस्की से ही ज्यादा रिलीफ महसूस करते हैं और-तो-और वो अपनी बीमारी में भी आराम महसूस करते हैं। ये लोग चाहते हैं तो सिर्फ चाय, चाय और चाय।
- हमारे देश भारत में, मेहमान को ना सिर्फ मेहमान समझा जाता है बल्कि हम भारतीय अपने मेहमान को भगवान की तरह समझते हैं। वास्तव में हमारे देश में “अतीथी देवो भव:” समझा जाता है और लोग अपने घरों में अतिथियों का स्वागत भी चाय के साथ ही करते हैं।
- चायप्रेमियों के लिए चाय एक जीवनरक्षक की तरह है और यह उनके लिए एक तनाव बस्टर के रूप में भी कार्य करता है।
- बरसात के मौसम या शीतकालीन मौसम के लिए भगवान का शुक्रिया अदा करने के बजाय, हमें केवल चाय की जरूरत चाय है। WTF!
- चाय और सुट्टा कई चायप्रेमियों के लिए ‘करण-अर्जुन‘ की तरह ही हैं। कुछ लोग अपने कब्ज के मुद्दों से निपटने के लिए भी इसका इस्तेमाल करते हैं। बैचलर्स और इंजीनियर्स की लाइफ तो ज्यादातर चाय और सुट्टा पर ही चलती हैं।
- अगर आप अपनी भूख छोटी अवधि के लिए मिटाना चाहते हैं तो चाय आपके लिए एक महान हथियार है। अभी तक आपने कोशिश नहीं की, कोशिश करो!
- चायप्रेमियों के लिए चाय आशा की किरण की तरह है, लोग कह गये हैं- जहाँ चाय है, वहां राह है।
- खैर, बहुत सारे कवि अपनी कहानियों को जारी रखने के लिए केवल चाय की एक सिप का ही सहारा लेते हैं क्योंकि यह एक भावनात्मक बंधन है जो कि सिर्फ एक कवि और उसकी कविता ही समझ सकती हैं।
- यह एक इपिक लाइन है, इससे लोगों को कोई फर्क नहीं पड़ता कि उनके जीवन में क्या होने वाला है और क्या हो रहा है, उन्हें कुछ चाहिए तो वो है सिर्फ “चाय”!
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