बिहार के सीमांचल क्षेत्र में बाढ़ अपना रौद्र रूप दिखा रही है, बाढ का कहर जारी। खासकर कटिहार जिले में बाढ़ की स्थिति विकराल बनी हुई है। अररिया व किशनगंज में पानी घटने से लोगों को थोड़ी राहत जरूर मिली है, लेकिन अब भी बड़ी आबादी इस त्रासदी से जूझ रही है। बाढ की स्थिति को देखते हुए भठिंडा से एनडीआरएफ की चार टीमें पटना के लिए रवाना हो चुकी है।
सैलाब के कारण मंगलवार को डूबने से कटिहार में तीन व पूर्णिया में एक की मौत हो गई है। उधर, किशनगंज में भी दो शव बरामद किया गया है। कटिहार के छह प्रखंडों स्थिति अब भी भयावह बनी हुई है। नए इलाके में भी बाढ़ का पानी प्रवेश कर रहा है। काफी तादाद में लोग अब भी बाढ़ में फंसे हुए हैं।
बारसोई, बलरामपुर के बीच टेरंगा के समीप पानी के तेज बहाव के कारण पुलिया बह गई है।
कटिहार में सेना के साथ एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की टीम राहत व बचाव कार्य में जुटी हुई है। अररिया के भरगामा में राहत के लिए पीडितों ने जमकर हंगामा किया। खगड़िया बेलदौर प्रखंड के दिघौन, पचबीघी, कुंजहारा आदि गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश करने से दहशत। ऊंचे जगहों पर लोगों ने शरण ली है।
मंगलवार को सेना के जवान अररिया पहुचे। इसके बाद पीड़ितों के बीच राहत सामग्री पहुंचाने के काम में तेजी आई। अररिया के विभिन्न प्रखंडों में आज भी एक लाख से अधिक लोगो के फंसे होने की जानकारी मिल रही है।
अररिया में देर शाम प्रभारी आपदा सचिव के के पाठक ने बाढ़ आपदा को लेकर अधिकारियों के साथ आपातकालीन बैठक की। 48 घंटे के भीतर सभी संपर्क मार्ग को मरम्मत करने का दिया निर्देश। उन्होंने कहा कि बिना अनुमति कोई भी सरकारी किर्मी छुट्टी पर नहीं जा सकते है।
जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर बाढ़ पीड़ितों के लिए भोजन तैयार कर पीड़ितों को खिलाया जाएगा। अधिकारियों से कहा कि सभी राहत कैम्पों में पर्याप्त सहायता मुहैया होनी चाहिए। डीएम, एसपी सहित सभी विभाग के वरीय अधिकारी उपस्थित रहे।