बीते कुछ दिनों पहले सीएम नीतीश कुमार ने बिहार में शराबबंदी की तरह ही दहेजप्रथा को खत्म करने का एलान किया. लेकिन सीएम के इस सपने को हकीकत में तब्दील करने वाला पहला शख्स वैशाली जिला का है. जिन्होंने अपनी शादी जाति के बंधन को भी खत्म कर बिना दहेज लिए ही की. नवविवाहित गुंजन और जयप्रकाश ने बिना दहेज लिए अंतर्जातीय विवाह कर बिहार में दहेजप्रथा बंद करने के अभियान को सबसे पहले शुरू किया है.
इसके लिए युवक और युवती के घर वालों ख़ुशी जाहिर कर मिसाल कायम की. जयप्रकाश वैशाली जिले के दिग्ग्गी के पैक्स अध्यक्ष है जबकि गुंजन के पिता रिटायर्ड सब इन्स्पेक्टर है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जब शराबबंदी के बाद दहेज़ प्रथा को बंद करने की बात कही तो जयप्रकाश ने इस अभियान में खुद भी सहयोग करने की ठान ली और उन्होंने अपनी ही शादी कर इस की शुरुआत की.
इस की चर्चा उन्होंने अपने मित्र बालेंद्र दास से की जिसके बाद बालेंद्र दास ने गांव के ही बगल में रहने वाले रमाकांत प्रसाद की पुत्री गुंजन से जयप्रकाश की शादी का प्रस्ताव रखा,वो भी दहेज़ मुक्त. गुंजन के पिता पहले से ही जयप्रकाश के बारे में जानते थे,इसलिए वे राजी हो गये. गुंजन जयप्रकाश की सहमति से दोनों की सार्वजनिक शादी हुई.