सृजन घोटाले में करोड़ों का घोटाला सामने आने के बाद से सरकार ने इस आर्थिक अपराध को गंभीरता से लिया। तत्काल जांच अधिकारियों को प्लेन से भागलपुर भेजा गया। अब इस मामले में सरकार की गिरती छवि को बचाने के लिए सरकार फुल एक्शन में आ गई है।
सीबीआइ जांच का आदेश के साथ ही सरकार का डंडा चल चुका है। बिहार प्रशासन सेवा के अधिकारी जय श्री ठाकुर का सरकार ने बर्खास्त कर दिया है। इधर, विपक्ष को बैठे बैठाये मुद्दा मिला मगर सरकार के एक्शन के बाद वो विपक्ष से दूर जाता दिख रहा है। लालू प्रसाद ने सीबीआइ जांच की मांग कर डाली और कहा कि इस इतना बड़ा घोटाला है कि सरकार इसे दबाने में लगी है और इसके जांच की जद में कई नेता से लेकर अधिकारी आयेंगे।
शुक्रवार को हुई बिहार कैबिनेट की बैठक में 22 एजेंडों पर मुहर लगी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में फैसला लिया गया कि बिहार प्रशासन सेवा के अधिकारी जय श्री ठाकुर सेवा से बर्खास्त किए गए हैं।
इनपर भागलपुर के सृजन घोटाले का आरोप लगा है। मामला प्रकाश में आने के बाद उन्हें सस्पेंड कर दिया गया था। इस खेल की शुरुआत वर्ष 2007-2008 में सृजन को-ऑपरेटिव बैंक खुल जाने के बाद से होती है। भागलपुर ट्रेजरी के पैसे को सृजन को-ऑपरेटिव बैंक के खाते में ट्रांसफर करने और फिर वहां से सरकारी पैसे को बाजार में लगाया जाने लगा।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सृजन में स्वयं सहायता समूह के नाम पर कई फर्जी ग्रुप बनाये गये। उनके खाते भी खोले गये और इन खातों के जरिये नेताओं और नौकरशाहों का कालाधन सफेद किया जाने लगा।