झारखंड के हजारीबाग की अदालत ने 22 साल पुराने मर्डर के मामले में राजद के पूर्व सांसद और बाहुबली नेता प्रभुनाथ सिंह को दोषी करार दिया है.
बिहार के सारण जिले के मशरक सीट से जनता दल विधायक अशोक सिंह के मर्डर के मामले में कोर्ट ने प्रभुनाथ सिंह के अलावा उनके भाई दीनानाथ सिंह को भी दोषी ठहराया है, प्रभुनाथ सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
बात उन दिनों की है, जब प्रभुनाथ सिंह लालू प्रसाद यादव के खिलाफ मोर्चा खोले हुए थे, वो लालू के घोर विरोधी नीतीश कुमार के करीबी माने जाते थे, साल 1995 विधानसभा चुनाव में वो जनता दल के प्रत्याशी अशोक सिंह से चुनाव हार गए थे, एक दौर में अशोक सिंह प्रभुनाथ के खासमखास माने जाते थे, लेकिन बाद में वो उनका साथ छोड़ लालू के साथ हो लिये।
विधानसभा चुनाव जीतने के कुछ दिन बाद ही जनता दल के विधायक अशोक सिंह की पटना के सरकारी आवास पर मर्डर कर दिया गया था, जिसका आरोप प्रभुनाथ और उनके भाई समेत कुछ अन्य लोगों पर लगा था। सारण के मशरक में प्रभुनाथ सिंह का सिक्का चलता है। प्रभुनाथ सिंह पर हत्या, हत्या की कोशिश, अपहरण समेत कई मामले दर्ज हैं।
उनकी छवि इलाके में ये है जो किसी की नहीं सुनता सिर्फ अपने मन की करता है। इसी वजह से कभी लालू के धुर-विरोधी रहे प्रभुनाथ आज लालू के साथ हैं, हालांकि वो इस बार लोकसभा चुनाव नहीं जीत पाए, लेकिन अभी भी मशरक सीट जो कि अब बनियापुर हो चुका है, उस सीट से प्रभुनाथ के छोटे भाई केदार सिंह दूसरी बार विधायक बने हैं।
बिहार के राजनीतिक समीक्षक 90 के दौर को आज भी प्रभुनाथ बनाम शहाबुद्दीन के नाम से याद करते हैं, बिहार के सीवान में शहाबुद्दीन का सिक्का चलता था, उस दौर को आलोचक जंगलराज का दौर कहते हैं, दूसरी ओर सीवान के बगल में ही महाराजगंज लोकसभा सीट से प्रभुनाथ सिंह चुनाव लड़ते थे, उस इलाके में उनका सिक्का चलता था।
लेकिन दोनों एक-दूसरे के धुर-विरोधी थे। उस दौर में भले इन दोनों की लड़ाई कभी खुलकर सामने ना आई हो, लेकिन एक लालू के साथ था, तो दूसरा नीतीश कुमार के साथ, हालांकि आज की तारीख में दोनों लालू यादव के साथ है।