मुजफ्फरपुर को उत्तर बिहार की राजधानी कहा जाता है. वहाँ एक बहुत ही प्रसिद्द कॉलेज है- लंगट सिंह कॉलेज (एल एस कॉलेज). यहाँ समाज के सभी वर्गों, जाति, धर्म के विद्यार्थी पढते हैं. अपने विश्वविद्यालय का सिरमौर है यह कॉलेज.
लेकिन बहुत कम लोग ही लंगट सिंह के बारे में जानते हैं.
लंगट सिंह बहुत ही गरीब परिवार में जन्म लिये थे. एक पैर से लंगड़े लंगट सिंह सड़क किनारे एक झोपड़ी में रहते थे. एक दिन एक अँगरेज़ वहां आया तो लंगोट सिंह ने उसको पानी के साथ थोड़ा गुड़ और चना खाने को दिया. अँगरेज़ को शायद गुड़ और चने का स्वाद भा गया और वह वहां आने लगा. उन दिनो भारत में रेल की जाल बिछ रहा था. अँगरेज़ ने लंगट सिंह को रेलवे का ठिका दिलवा दिया.
लंगट सिंह ने उसके बाद फिर कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा. लाखों रुपैये कमाने के बाद लंगट सिंह ने वैशाली जिले में अपने गाँव ‘धरहरा’ में जमीन खरीदी और जमींदारी करने लगे, लेकिन समाज में अभी भी वो नए धनिक ही कहलाते थे.
उन दिनो मुजफ्फरपुर के जमींदार शहर में शिक्षा के प्रसार को लेकर काफी बढ़ चढ कर काम कर रहे थे और इसको लेकर हमेशा मीटिंग होती थी. एक मीटिंग में लंगट सिंह भी गए जहाँ नए कॉलेज के निर्माण के लिए चंदा इकठ्ठा करने पर बहस हो रही थी.