रावण भी इस शिवलिंग को नहीं उठा पाया था , पांडवों ने यहां खुद बनवाया था मंदिर

आस्था

हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा के बैजनाथ में स्थित प्राचीन शिव मंदिर उत्तरी भारत का आदिकाल से एक तीर्थस्थल माना जाता है।

इस मंदिर में स्थित अर्धनारीश्वर शिवलिंग देश के विख्यात एवं प्राचीन ज्योर्तिलिंगों में से एक है। इसका इतिहास लंकाधिपति रावण से जुड़ा है। कहा जाता है कि इस शिवलिंग को रावण भी नहीं उठा पाया था।

यहां वैसे तो साल भर प्रदेश के देश-विदेश से हजारों की संख्या में पर्यटक इस प्राचीन मंदिर में विद्यमान प्राचीन शिवलिंग के दर्शन के साथ-साथ इस क्षेत्र की प्राकृतिक सौदर्य की छटा का भरपूर आनंद लेते हैं।

परन्तु शिवरात्रि एवं श्रवण मास में यह नगरी बम-बम भोले के उद्घोष से शिवमयी बन जाती है, प्रदेश सरकार द्वारा इस मंदिर में कालातंर से मनाये जाने वाले शिवरात्रि मेले के महत्व को देखते हुए इसे राज्य स्तरीय मेले का दर्जा दिया गया है।

यह ऐतिहासिक शिव मंदिर प्राचीन शिल्प एवं वास्तुकला का अनूठा व बेजोड़ नमूना है जिसके भीतर भगवान शिव का शिवलिंग अर्धनारीश्वर के रूप में विराजमान है तथा मंदिर के द्वार पर कलात्मक रूप से बनी नंदी बैल की मृर्ति शिल्प कला का एक विशेष नमूना है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *