पटना मेट्रोपॉलिटन सिटी का विकास नवी मुंबई और पुणे की तर्ज पर किया जाएगा। इसके लिए काम तेज हो गई है।शास्त्रीनगर में पटना मेट्रोपॉलिटन कमेटी को कार्यालय भी मिल गया है। नगर विकास सह आवास विभाग की ओर से इंजीनियर एवं टाउन प्लानर की भी नियुक्ति भी हो गई है। कमेटी के नवनियुक्त सीईओ शीर्षत कपिल अशोक के नेतृत्व में चार सदस्यीय इंजीनियर व टाउन प्लानर की टीम ने मार्च के अंतिम सप्ताह में चार दिनों तक नवी मुम्बई के खारघर एवं पुणो के मगरपट्टा इलाके का निरीक्षण किया। इन शहरों के आधार पर ही राजधानी को विकसित करने की कार्ययोजना बनाई गई है। टीम नगर विकास सह आवास विभाग को अपनी रिपोर्ट भेजेगी।
मुख्यमंत्री के समक्ष होगा प्रजेंटेशन
नगर विकास सह आवास विभाग की ओर से चल रही योजनाओं की बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समीक्षा करेंगे। इस दौरान विभाग की ओर से पटना मेट्रोपॉलिटन सिटी की भी प्रजेंटेशन दिया जाएगा। इसमें खारघर और मगरपट्टा के सिटी प्लान पर भी चर्चा होगी।
नगर विकास सह आवास विभाग की ओर से चल रही योजनाओं की बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समीक्षा करेंगे। इस दौरान विभाग की ओर से पटना मेट्रोपॉलिटन सिटी की भी प्रजेंटेशन दिया जाएगा। इसमें खारघर और मगरपट्टा के सिटी प्लान पर भी चर्चा होगी।
30 वर्षो में विकसित हुई नवी मुंबई
महाराष्ट्र सरकार की ओर से मुम्बई की भीड़ को कम करने के लिए 1970 में सिटी एंड इंडस्ट्रीयल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (सीडको) बनाया गया। करीब 344 वर्ग किलोमीटर इलाके में नवी मुम्बई बसाई गई जिसमें वासी, बेलापुर, खारघर सहित 14 छोटे-छोटे टाउनशिप का निर्माण किया गया। वर्ष 2000 में नवी मुंबई ने विकसित शहर का आकार लिया। इनको रेल व सड़क नेटवर्क से जोड़ा गया। इसके लिए चौड़ी सड़कें बनाई गईं। सीडको की ओर से भी मकान बना कर सस्ते दरों पर बेचा गया।
महाराष्ट्र सरकार की ओर से मुम्बई की भीड़ को कम करने के लिए 1970 में सिटी एंड इंडस्ट्रीयल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (सीडको) बनाया गया। करीब 344 वर्ग किलोमीटर इलाके में नवी मुम्बई बसाई गई जिसमें वासी, बेलापुर, खारघर सहित 14 छोटे-छोटे टाउनशिप का निर्माण किया गया। वर्ष 2000 में नवी मुंबई ने विकसित शहर का आकार लिया। इनको रेल व सड़क नेटवर्क से जोड़ा गया। इसके लिए चौड़ी सड़कें बनाई गईं। सीडको की ओर से भी मकान बना कर सस्ते दरों पर बेचा गया।
1133 किलोमीटर का एरिया होगा विकसित
मेट्रोपॉलिटन शहर के अंतर्गत पटना के 1133 किलोमीटर इलाके को विकसित किया जाएगा। इसमें वर्तमान नगर निगम क्षेत्र के अलावा फतुहा, मनेर, नौबतपुर, दानापुर तथा बिहटा के इलाके भी शामिल होंगे। पहले चरण में विकसित कई जगह विकसित कॉलोनियां बनाई जाएंगी।’
मेट्रोपॉलिटन शहर के अंतर्गत पटना के 1133 किलोमीटर इलाके को विकसित किया जाएगा। इसमें वर्तमान नगर निगम क्षेत्र के अलावा फतुहा, मनेर, नौबतपुर, दानापुर तथा बिहटा के इलाके भी शामिल होंगे। पहले चरण में विकसित कई जगह विकसित कॉलोनियां बनाई जाएंगी।’
शास्त्रीनगर में खुला पटना मेट्रोपालिटन सिटी का प्रशासनिक कार्यालय
आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करेंगे योजनाओं की समीक्षा। पटना मेट्रोपालिटन सिटी के लिए इंजीनियर व टाउन प्लानरों की एक टीम नवी मुम्बई व पुणो गई थी। सरकार से मंजूरी के बाद इसे लागू किया जाएगा। शीर्षत कपिल अशोक, सीईओ, पटना महानगर प्राधिकार
आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करेंगे योजनाओं की समीक्षा। पटना मेट्रोपालिटन सिटी के लिए इंजीनियर व टाउन प्लानरों की एक टीम नवी मुम्बई व पुणो गई थी। सरकार से मंजूरी के बाद इसे लागू किया जाएगा। शीर्षत कपिल अशोक, सीईओ, पटना महानगर प्राधिकार
शहर में छोटे-छोटे टाउनशिप हैं, जहां चौड़ी सड़कें, खेल परिसर, पार्क तथा सामुदायिक हॉल बनाए गए हैं। स्वच्छ जलापूर्ति के लिए वाटर ट्रीटमेंट प्लांट व जल निकासी के लिए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की व्यवस्था1दोनों ही शहरों में आवासीय व व्यावसायिक इलाके अलग-अलग हैं। पैदल चलने वालों के लिए स्काईवॉक की सुविधा।130 से 50 मीटर चौड़ी सड़कें। एयरपोर्ट व रेलवे स्टेशन का हर इलाके से सीधा जुड़ाव।
ये है नवी मुंबई और पुणे की खासियत
निम्न आय वर्ग के लिए एलआइजी, मध्यम आय वर्ग के लिए एमआइजी व उच्च आय वर्ग के लिए एचआइजी फ्लैटों का निर्माण।
पटना मेट्रोपॉलिटन सिटी के लिए तीन शहरों का हुआ अध्ययन, सौंपी जाएगी रिपोर्ट
निम्न आय वर्ग के लिए एलआइजी, मध्यम आय वर्ग के लिए एमआइजी व उच्च आय वर्ग के लिए एचआइजी फ्लैटों का निर्माण।
पटना मेट्रोपॉलिटन सिटी के लिए तीन शहरों का हुआ अध्ययन, सौंपी जाएगी रिपोर्ट