पिछले कई सालों से लगभग बंद होने की कगार पर पहुंच चुके खादी को मोदी सरकार ने नया जीवन प्रदान किया है।
कुछ समय पहले लोग खादी व खादी के उत्पादों को आउटडेटेड मानते थे और सरकारी प्रयासों के बावजूद यह लगातार घाटे में जा रहा था। लेकिन जो खबर सामने आई है वो वाकई में हैरान करने वाली है। पिछले साल खादी व खादी से जुड़े उत्पादों की 50 हजार करोड़ से ज्यादा की बिक्री हुई। शहद, साबुन, सौंदर्य प्रसाधन, फर्नीचर व जैविक खाद्य पदार्थ जैसे उत्पादों की मांग में भारी वृद्धि देखने को मिली, जो ग्रामोद्योगों द्वारा उत्पादित किए जा रहे हैं और ज्यादातर महिलाओं द्वारा संचालित किए जा रहे हैं।
अब बिक्री के आंकड़े स्पष्ट रूप से इस ओर इशारा कर रहे हैं कि लोगों का खादी व खादी उत्पादों के प्रति एक बार फिर रुझान बढ़ने लगा है। तभी नतीजे के तौर पर 2016 में 50 हजार करोड़ रुपये की बिक्री सामने आई है।