लालू यादव की बड़ी पुत्री डॉ. मीसा भारती पहले भी विवादों में रही हैं। उन पर बहुत पहले ही अपने पिता के पद और प्रभाव से फायदा उठाने का आरोप लगा था।
जमशेदपुर के महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज में टाटा प्रबंधन के लिए पांच सीटों का कोटा था। टाटा के रिकोमेंडेशन से इन सीटों पर दाखिला मिलता था। लालू यादव उस समय बिहार के मुख्यमंत्री थे।
उन्हें जब ये बात मालूम हुई तो उन्होंने अपनी बड़ी बेटी मीसा भारती को इस कोटे पर MBBS में एडमिशन करा दिया। जमशेदपुर के तेजतर्रार एसपी अजय कुमार उनके लोकल गार्जियन थे।
लालू यादव ने एक बार फिर अपना रुतबा दिखाया।
नियमों को दरकिनार कर दिया गया। मीसा का ट्रांसफर पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में हो गया। बिना इंट्रेस टेस्ट पास किये ही मीसा PMCH की छात्रा बन गयीं। लालू यादव को खुश करने के लिए नियमों को ताक पर रख दिया गया था। मीसा भारती ने साल 2000 में गोल्ड मेडल के साथ MBBS पास किया था।
वे अपने बैच की टॉपर थीं। मीसा के इस रिजल्ट पर भाजपा ने तब सवाल खड़े किये थे। भाजपा का आरोप था कि लालू यादव ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर मीसा को टॉप कराया था।
इस बात पर गौर किया जाना चाहिए कि मेडिकल की गोल्ड मेडलिस्ट होते हुए भी मीसा भारती ने कभी डॉक्टर के रूप में प्रैक्टिस नहीं की। समाजसेवा के लिए भी उन्होंने कभी डॉक्टरी पेशे को नहीं अपनाया। इस वजह से भी उनकी मेडिकल डिग्री पर सवाल उठाये जाते रहे हैं।