गंडक और बूढ़ी गंडक में उफान जारी है। पिछले 24 घंटे में बाढ़ ने पांच और प्रखंडों को अपनी जद में ले लिया। बूढ़ी गंडक का पानी मुजफ्फरपुर के साथ-साथ जिले के पांच प्रखंडाें में अब तबाही मचाने लगा है। रजवाड़ा तटबंध के टूटे हिस्से से पूर्वी हिस्से के मुहल्लों में तेजी से पानी फैल रहा है।
मुरौल प्रखंड के पिलखी में बूढ़ी गंडक के दाएं तटबंध से रिसाव होने के कारण भयभीत ग्रामीणों ने पलायन कर तटबंध पर शरण ले रखा है। नदी के दोनों तटबंधों पर व्यापक दबाव बना हुआ है। मोतीपुर, कांटी शहरी क्षेत्र में कई स्थानों पर कटाव रिसाव से लोगों में दहशत का आलम है।
मंगलवार की शाम तक सूबे के 18 जिलों के 183 प्रखंड बाढ़ की चपेट में हैं। इसका असर 7.70 लाख नई आबादी पर पड़ा है। अभी राज्य की 1.46 करोड़ लोग बाढ़ की परेशानी झेल रहे हैं। पिछले 24 घंटे में 37 और लोगों की मौत हुई है, मौत का आंकड़ा बढ़कर 341 हो गया है।
उधर, पूर्वी चंपारण के 27 में से 22 प्रखंड बाढ़ की चपेट में हैं, जबकि पूर्णिया के 14 में से 13, पश्चिम चंपारण के 18 में से 16, मधुबनी के 21 में से 15 और मुजफ्फरपुर के 16 में 12 प्रखंड बाढ़ की विभीषिका झेल रहे हैं।
मुजफ्फरपुर, कटिहार, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज में राहत और बचाव कार्य में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के साथ सेना की टुकड़ी को लगाया गया है।