जोधपुर जिले के भोपालगढ़ इलाके के बागोरिया गांव के पहाड़ियों पर स्थित माता रानी के इस मंदिर में 600 सालों से एक मुस्लिम परिवार पुजारी बनकर देवी मां की सेवा कर रहा है।
इस पहाड़ी पर स्थित मंदिर तक जाने के लिए कुल 500 पावड़ियां 11 पोल से होकर गुजरना पड़ता है। बागोरिया गांव का पुराना नाम नाहरपुरा था। जो बाद में बाघसिंह के नाम पर इस गांव का नाम बागोरिया रखा गया।
वर्तमान में अस्सी वर्षीय बुजुर्ग जमालुदीन खां (भोपाजी जमाल खांजी) बताते है की 600 साल पहले इनके पूर्वज सिंध से अकाल पड़ने पर ऊंटों के काफिले को लेकर मालवा जा रहे थे। तभी इनके पूर्वजों के कुछ ऊंट बीमार हो गए।
जिस कारण उन्हें यहां रुकना पड़ा। रात को उनके सपने में देवी मां ने दर्शन दिए और कहा कि बावड़ी में एक मूर्ति है यहां से मेरी भभूत लेकर ऊंट को लगा दो वह सही हो जायेगा।
जिसके बाद भोपाजी जमाल खांजी के पूर्वजों ने मातारानी के आदेशनुसार ऐसा ही किया उन्होंने ऊंट को भभूत ला कर लगा दी और फिर वह ऊंट सही हो गए।