मदर्स-डे स्पेशल : नहीं सुन रहा कोई बेबस माँ की आवाज़ , बेटे ने कहा , अकेली है ,तो दूसरी शादी कर ले

जिंदगी संस्कृति और परंपरा

आज मदर्स डे है और हर मां अपने बच्चों का जीवन संवारने के लिए कई कुर्बानियां देती हैं।

पर कुछ ऐसी भी बदनसीब मां हैं, जो अपने बच्चों की जिंदगी संवारने में पूरी उम्र तो बिता दी हैं, पर उन्हें इसके बदले मिली है सिर्फ जिल्लत भरी जिंदगी। आज कुछ एेसी ही दर्द भरी कहानी जान कर मां की कुर्बानियों को याद करने पर आप विवश हो जायेंगे।

बेटे ने यह कह दिया कि जा तू भी दूसरी शादी कर ले। इतना कहते ही शांति देवी की बूढ़ी आंखों से आंसू छलक पड़े। वह रोती हुई अपनी आंखों के आंसू को पोछती हुई बोलीं, अब मैं 65 साल की हो गयी हूं। मुझे याद नहीं है, वो दिन जब मुझे किसी एक दिन भी भरपेट खाना नसीब हुआ होगा। पति की मृत्यु के बाद दो बच्चों को मजदूरी कर किसी तरह से पाल कर बड़ा किया। शादी-ब्याह कराया। अब उन लोगों ने ही मुझे घर से बाहर कर दिया है।

बेटे ने तो यह भी कह दिया कि मैं दूसरी शादी कर के उनका पीछा छोड़ दूं। इस बुढ़ापे में क्या अब मैं शादी करूंगी। क्या पता था, जिनकी आंखों की कभी किरकिरी निकालती थी, एक दिन उनकी आंखों की ही किरकिरी बन जाऊंगी। इतना कहते ही शांति देवी फिर रो पड़ीं ।उनकी आंखों से निरंतर आंसू बहने लगे और ईश्वर से मौत की प्रार्थना करने लगीं।

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