आज हनुमान जयंती है। अर्थात भगवान हनुमान का जन्मदिन।सुबह से ही आज विभिन्न हनुमान मंदिरों में भक्तों का जनसैलाब देखा जा रहा है। हालांकि बिहार में उनका ननिहाल होने के कारण यहां विशेष रूप से इस पर्व को मनाया जा रहा है। विशेष तरह के पकवान बनाए जा रहे हैं तो कीर्तन भजन का आयोजन किया जा रहा है।
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वरिष्ठ पत्रकार और इतिहासकार डॉ शंकरदेव झा कहते हैं कि हनुमाना की माता अंजना मिथिला निवासी ऋषि गौतम और अहल्या की पुत्री थी। इसका विशेष उल्लेख भविष्यपुराण में मिलता है। इस बात को डॉ कामिल बुल्के ने अपनी पुस्तक रामकथा पृ. सं.-667में उल्लेख किया है। इसके अतिरिक्त संस्कृत एंड इंडोलोजिकल स्टडीज(सम्पादक-आर.एन.डांडेकर,1975)में संकलित डी.आर.माँकड के लेख दिवोदास मे भी कहा गया है कि अंजना अहल्या की पुत्री थी। डॉ झा कहते हैं कि प्रोसिडिंग्स एंड ट्रांजेक्शन आफ आल इंडिया ओरिएंटल कान्फ्रेन्स-,1953मे संकलित डा. सी. बुल्के की लेख-एन इंडोनेशियन बर्थ स्टोरी आफ हनुमान में विस्तार से इसका वर्णन किया गया है।
बताते चले कि दरभंगा जिला स्थित अहिल्या आश्रम में भगवान श्री राम ने माता अहिल्या का उद्धार किया था। उस समय श्री राम अपने गुरु विश्वामित्र और भाई लक्ष्मण के साथ यहां आए थे।
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क्या है कहानी
बहुत कम लोग ये बात जानते होंगे कि हनुमान जी का जन्म कैसे हुआ ? श्रीराम के पद स्पर्श से पत्थर से औरत बनी अहिल्या हनुमान जी की नानी थीं और गौतम ऋषि उनके नाना थे । हनुमान की माता अंजनी गौतम की पुत्री थीं । ये बात बहुत से लोगो को पता है कि इन्द्र अहिल्या की सुन्दरता पर आसक्त हो गया था ।
बहुत कम लोग ये बात जानते होंगे कि हनुमान जी का जन्म कैसे हुआ ? श्रीराम के पद स्पर्श से पत्थर से औरत बनी अहिल्या हनुमान जी की नानी थीं और गौतम ऋषि उनके नाना थे । हनुमान की माता अंजनी गौतम की पुत्री थीं । ये बात बहुत से लोगो को पता है कि इन्द्र अहिल्या की सुन्दरता पर आसक्त हो गया था ।
उसने एक दिन एक चाल चली । उसे पता था । गौतम सुबह चार बजे गंगा स्नान के लिये जातें हैं । उसने अपने एक साथी के साथ मिलकर एक दिन रात के दो बजे सूर्य निकलने जैसा प्रकाश फ़ैला दिया । और उसके साथी ने मुर्गे की नकली मगर हूबहू बांग निकाली ।
होनी ही थी, कि गौतम ने उसे सच समझा । और गंगास्नान के लिये चले गये । उधर इन्द्र ने गौतम का वेश बनाकर अहिल्या के साथ संभोग किया ।
होनी ही थी, कि गौतम ने उसे सच समझा । और गंगास्नान के लिये चले गये । उधर इन्द्र ने गौतम का वेश बनाकर अहिल्या के साथ संभोग किया ।
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वास्तव में थोडी ही देर में अहिल्या को पता चल गया कि उसके साथ संभोग करने वाला कोई कपटी है । लेकिन उसने कोई एतराज नहीं किया । अंजनी किसी दरार से यह दृश्य देख रही थी । बाद में जब अहिल्या को पता चला कि अंजनी ने उसके साथ छ्ल होते देख लिया है । उसने अंजनी से कहा कि वह ये बात अपने पिता को न बताये । लेकिन अंजनी ने उसकी बात मानने से साफ़ इंकार कर दिया । तब क्रोधित होकर अहिल्या ने उसे शाप दे दिया कि मैं तो करे हुये का भोगूंगी । पर तू बिना किये का ही भोगेगी।
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उधर थोडी ही देर में गौतम को पता चला कि उनके साथ छ्ल हुआ है । उन्होने वहीं ध्यान लगाया और सारा हाल जान लिया । अब उनके मन में एक ही बात थी कि देखें अहिल्या इस बात को छुपाती है या बता देती है । ऐसा ही हुआ । अहिल्या इस बात को छुपा गयी । और गौतम ने उसे पत्थर की हो जाने का शाप दे दिया । उस समय अहिल्या क्रोध में थी । क्योंकि गौतम ने अंजनी से जब छल के बारे में पूछा । तो अंजनी ने साफ़ साफ़ सच बता दिया ।
इसीलिये अहिल्या ने अंजनी को शाप दिया कि वो बिना करे का भुगतेगी । इस पर अंजनी ने दृणता से कहा कि वह अपने जीवन में किसी पुरुष की छाया भी अपने ऊपर नहीं पडने देगी । ऐसा कहकर वह उसी समय निर्जन वन में तप करने चली गयी । अहिल्या ऋषि के शाप से पत्थर की हो गयी ।
इसीलिये अहिल्या ने अंजनी को शाप दिया कि वो बिना करे का भुगतेगी । इस पर अंजनी ने दृणता से कहा कि वह अपने जीवन में किसी पुरुष की छाया भी अपने ऊपर नहीं पडने देगी । ऐसा कहकर वह उसी समय निर्जन वन में तप करने चली गयी । अहिल्या ऋषि के शाप से पत्थर की हो गयी ।