बिहार टॉपर 2017 बन रहा नेशनल मीडिया की सुर्खियां, टाॅपर गणेश संदेह के घेरे में, चार दिन से लापता

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पिछले साल बिहार बोर्ड के रिजल्ट जारी होने पर आर्ट्स की टॉपर रही रूबी की असलियत मीडिया सबके सामने लेकर आई थी। पिछली बार देश-दुनिया में बिहार की शिक्षा वयवस्था पर ऊँगली उठी और कदाचार पूर्ण परीक्षा की भी। बिहार बोर्ड की परीक्षा में हुई धांधली के बाद कई लोगों को जेल भी पहुँचाया गया।

उम्मीद थी की इस बार प्रशासन ने सख्त रवैया अपनाया और पेक्षा में नक़ल को बहुत हद्द तक रोका, लेकिन उसके बाद बोर्ड परीक्षा की कॉपियां कैसे जंचीं गई, इसको लेकर भी कई सवाल उठाये जा रहे थे। फिर भी सब कुछ दरकिनार कर के इस बार रिजल्ट निकले गए।

और जब रिजल्ट आया तो सभी के लिए अविश्वसनीय था। मात्रा लगभग पैंतीस प्रतीशत छात्र ही परीक्षा में उत्तीर्ण हुए। अब समझ नहीं आ रहा था की टीचर्स ने सही से कॉपी नहीं जांचा या नक़ल पर रोक का असर था ये। लेकिन फिर वही हुआ जिसका इंतज़ार था….

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जिस स्कूल से गणेश कुमार ने टॉप किया है, उसमें एक भी प्रशिक्षित शिक्षक नहीं है. स्कूल में मात्र छह क्लास रूम हैं. इनमें न तो दरवाजा है और न ही खिड़की. ना ही दीवार पर प्लास्टर है और न ही फर्श बना है. प्रयोगशाला भी नाम के लिए है. लाइब्रेरी में नाममात्र की किताबें हैं. भवन की पक्की छत भी नहीं है. ना ही स्कूल में बिजली है.

सबसे बड़ी बात तो यह है कि इस स्कूल के नाम की जानकारी जिला शिक्षा पदाधिकारी तक को भी नहीं थी. हालांकि, स्कूल प्रबंधन की राजनीतिक गलियारों में पहुंच होने की बात सामने आ रही है. गणेश गिरिडीह से इस साधनविहीन स्कूल में क्यों पढ़ने आया? यह शक पैदा कर रहा है.

दूसरी संदेहास्पद बात यह कि इस स्कूल में म्यूजिक का कोई सामान उपलब्ध नहीं है. लेकिन, टॉपर गणेश ने म्यूजिक विषय से परीक्षा और दी और उसे प्रैक्टिकल में 70 में 65 अंक भी मिले. वहीं, म्यूजिक के 30 अंक की थ्योरी में उसे 18 अंक मिले हैं. हिंदी में 100 में 92 अंक मिले हैंं.

बिहार का शेखपुरा और समस्तीपुर जिला लंबे समय से बोर्ड परीक्षा में अच्छे रिजल्ट के लिए कुख्यात रहा है. इन दो जिलों से बिहार तो बिहार, बिहार के बाहर के लोग भी आकर बोर्ड की परीक्षा देते हैं ताकि अच्छे नंबर से पास कर सकें. तरीका बस यही है कि पैसा फेंको, तमाशा देखो.

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