ऐसी मान्यता है कि जब सच्चे मन से मां दुर्गा से कोई मुराद मांगी जाती है तो मां अपने भक्तों को कभी निराश नहीं करती हैं। कुछ ऐसी ही है बिहार के नवादा जिले के एक पूजा समिति की कहानी।
जिले के पकरीबरावां स्थित धमौल की मां दुर्गा काफी यशवाली मानी जाती हैं और उनमें लोगों की अटूट श्रद्धा और कामना है। ऐसा मानना है कि मां सच्चे मन से मांगी गई हर मुराद पूरी करती हैं।
मां जिस प्रकार से अपने भक्तों की मुरादें पूरी करती हैं उसी तरह भक्त भी मां की सेवा करने में पीछे नहीं रहते हैं।
यहां माता के प्रति भक्तों की अटूट भक्ति देखने को मिलती है। मुराद पूरी होने पर भक्त यहां मूर्ति स्थापित करने का जिम्मा खुद उठाते हैं और यह परंपरा पिछले कई सालों से चलती आ रही है।
मुराद पूरी होने वालों की यहां एक लंबी कतार लगी हुई है। भक्तों के द्वारा अपने खर्च पर प्रतिमा और पूजा सम्पन्न कराने का वक़्त 2025 से पहले खाली नहीं है।
2025 के बाद ही माता के अन्य भक्त अपने खर्च पर मूर्ति स्थापित और पूजा का खर्च उठाने का अवसर प्राप्त कर सकेंगे।
इस साल माता की सेवा का सारा खर्च राजेश साव उठा रहे हैं जिन्होंने बताया कि 4 साल के लंबे इंतजार के बाद उन्हें यह मौका प्राप्त हुआ है।