पटना के तीसरे बाईपास के रूप में चर्चित बिहटा-सरमेरा रोड के साथ राज्य की 18 सड़कों को राष्ट्रीय उच्च पथ (एनएच) का दर्जा मिल गया है।
इसी के साथ राज्य में एनएच की लंबाई 1300 किलोमीटर बढ़ गई। इससे 20 जिलों को लाभ होगा। केन्द्र सरकार द्वारा एनएच घोषित किये जाने के बावजूद बिहटा-सरमेरा पथ के चल रहे निर्माण पर कोई असर नहीं होगा।
राज्य सरकार की यह योजना पहले की तरह चलती रहेगी। केन्द्र ने इन सड़कों को अभी एनएच बनाने की सहमति सैद्धांतिक रूप में दी है। डीपीआर पर मुहर लगने के बाद इन सड़कों की जिम्मेदारी केन्द्र सरकार की हो जाएगी। इनकी चौड़ाई तो बढ़ेगी ही, रखरखाव की जिम्मेवारी भी केंद्र की होगी।
राज्य सरकार ने 2815 किमी सड़क को एनएच बनाने की मांग केन्द्र सरकार से की थी। इसके लिए केन्द्र के पास भेजे गये प्रस्ताव में दक्षिण और उत्तर बिहार की कई प्रमुख सड़कें शामिल थीं।
केन्द्र ने उत्तर बिहार की अधिसंख्य सड़कों को तो एनएच बनाने की मंजूरी दे दी, लेकिन सूची में दक्षिण बिहार की मात्र तीन सड़कें ही शामिल हैं।
इसके पहले केन्द्र सरकार ने 35 सड़कों को एनएच में तब्दील करने की स्वीकृति दी थी। उस समय राष्ट्रीय उच्च पथ घोषित सड़कों की लंबाई 2126.80 किमी थी। केन्द्र सरकार ने नई सड़कों को एनएच की सूची में डाल तो दिया है लेकिन अभी यह तय नहीं हुआ है कि नई सड़कों का डीपीआर कौन बनाएगा।