Patna: बिहार के मधेपुरा के लाल आशुतोष कुमार ने देश की सेवा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी. आशुतोष अपने घर के इकलौते पुत्र थे. जून 2018 में घर से बगावत कर सेना में जाने वाले आशुतोष पर आज पूरा देश फक्र महसूस कर रहा है.

आशुतोष जम्मू कश्मीर के माछीलघाटी इलाके में अपने ड्यूटी के दौरान दो आतंकी को ढेर करते हुए खुद शाहिद हो गए. आशुतोष अभी छठ में घर को आने वाले थे.

शहीद के पिता रविन्द्र भारती ने बात करते हुए बताया कि गम में हूं लेकिन बेटा देश के लिए शहीद हुआ है ये गौरव की बात है. उन्होंने कहा कि घर में जिद्द करके वो एनडीए में गया था. सेना में जाने को लेकर इतना जुनून सवार था कि वो एक नही दो-दो बार एनडीए का फॉर्म भर दिया था.
जब पहली बार वो फॉर्म भरा तो इंटरव्यू में रह गया था. तब तक दूसरी बार फॉर्म आ गया था. अपनी संतुष्टि के लिए उसने फिर से दोबारा फॉर्म भी भर दिया था. हालांकि उसका चयन पहली ही बार में हो गया था.

उन्होंने बताया कि सैनिक स्कूल भुवनेश्वर से पढ़ाई करने वाले आशुतोष शुरुआत से मेधावी रहे थे. 12वीं पूरी करने के बाद आशुतोष एक साथ मेडिकल और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा निकाल लिया था. पिता ने बताया कि उन्हें सिविल लाइन में नौकरी करने की सलाह दिया था लेकिन जिद्द कर वो इंडियन मिलट्री अकादमी में भर्ती हुआ. अभी करीब एक वर्ष पूर्व उनका प्रमोशन हुआ जिसके बाद वो कैप्टन बनाये गए थे.

घर के इकलौते पुत्र आशुतोष अपने पीछे माता, पिता और दो बहन को छोड़ गए हैं. एक बड़ी बहन अतिथि शिक्षक है जबकि छोटी बहन पीजी में अध्ययनरत है. पिता पशुपालन विभाग में कार्यरत है जबकि मां गृहिणी है.
Source: Zee News