2009 बैच के युवा आईपीएस बबलू कुमार को सहारनपुर भेजा गया है। उन्हें ऐसे समय में सहारनपुर की कमान सौंपी गई है जब यह जिला जातीय संघर्ष की सीरियल घटनाओं की आग में जल रहा है। इसमें कोई दोराय नहीं कि ऐसे हालात में सहारनपुर को एक विशेष अनुभवी नेतृत्व की जरूरत है।
ऐसे हालातों में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी अलग कार्यप्रणाली के लिए पहचान रखने वाले युवा आईपीएस बबलू कुमार पर भरोसा जताया है। अब देखना यह है कि, बबलू कुमार इस भरोसे पर खड़े उतर पाते हैं या नहीं।
सहारनपुर के सब्बीरपुर में बुधवार को दोबारा जातीय हिंसा की आग भड़की तो सहारनपुर के एसएसपी और डीएम समेत डीआईजी, मंडलायुक्त व एसडीएम और एक अन्य पुलिस अफसर को उत्तर प्रदेश सरकार ने तत्काल प्रभाव से हटा दिया। दरअसल सहारनपुर में भड़क रही जातीय हिंसा की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही।
एक के बाद एक हो रही सीरियल वारदात यूपी सरकार के लिए चुनौती बनती जा रही है। बुधवार को सरकार के शख्त कदम की एक साथ छह अफसरों पर गाज गिरी तो शाम होने से पहले ही जिला जैसे खाली हो गया।
अब डीएम और एसएसपी की कुर्सी पर ऐसे अफसरों की आवश्यकता थी जो जोशीले होने के साथ साथ अनुभवी हो और सहारनपुर के हालातों को सम्भाल सके। इस काम के लिए सरकार के पास बेहद कम समय था।
सूत्रों के मुताबिक एसएसपी के लिए आनन-फानन में चार अफसरों की शॉर्ट लिस्ट बनाई गई। बाद में इनमे से एक नाम चुना गया और यह नाम युवा आईपीएस बबलू कुमार का था। इनके नाम को फाइनल करने यह भी वजह हो सकती है कि ये बहुत ही ईमानदार ऑफिसर हैं साथ ही बिना किसी दवाब के काम भी करते हैं।
जवाहर बाग कांड में विशेष विमान से मथुरा भेजे गए थे बबलू कुमार..