आज शनिवार 2 जून को सहरसा में कोशी से जुड़ी एक बहुप्रतीक्षित सम्मेलन “कोशी शिखर सम्मेलन” का आयोजन हुआ। कार्यक्रम का उद्धाटन पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं विधान पार्षद प्रो डॉ संजय पासवान ने दीप प्रज्वलित करके किया। उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कोशी शिखर सम्मेलन के आयोजन के महत्ता को बताया। डॉ पासवान ने कोशी क्षेत्र पर अपनी बात रखते हुए बिहार की विभीषिका कही जाने वाली कोसी पर अपना अलग पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि कोसी कोष भी है और रोष भी। अब नतीजे इस बात पर निर्भर करते हैं कि हम उसका कैसा इस्तमाल करते हैं। फिर उन्होंने संसद और विधानसभा के तर्ज पर आयोजित युवा संसद को युवाओं के लिये बहुत महत्वपूर्ण और चेतना जागृत करने वाला कार्यक्रम बताया। उन्होंने कोशी के विकास के लिये किसी भी कदम को राजनीति से ऊपर उठकर बताया। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा सम्मेलन आयोजित होने जा रहा है जिसमें उद्धाटन में पक्ष के लोग सम्मिलित हैं तो कल समापन समारोह में विपक्ष के लोग भी होंगे। उन्होंने आयोजन समिति के सदस्य अभिनव नारायण झा, सोमू आनंद और राजा रवि को इस धन्यवाद देते हुए कहा कि वो इस सम्मेलन का आयोजन साल में कम से कम दो बार ज़रूर करायें और साथ ही उन्होंने इस समारोह की एक स्मारिका निकलवाने की भी बात कही।
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि अनिल कांत मिश्रा ने इस सम्मेलन को एक शानदार आयोजन बताया। उन्होंने कहा कि इस आयोजन के मुद्दे निश्चित तौर पर सरकार एवं विपक्ष का ध्यान आकर्षित करेगी।
एटीआई, बिहार सरकार के प्रधान संपादक संतोष झा ने इस सम्मेलन में युवाओं की भूमिका को बहुत महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने युवा संसद और साथ ही कोशी से जुड़े दो मुद्दों के लिये विशेष सत्र की सराहना की।
ईस्ट एंड वेस्ट टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज के संस्थापक डॉ रजनीश रंजन ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि देश में बदलाव बस युवा ही ला सकता है और इतने बड़े स्तर पर युवाओं के द्वारा ये सम्मेलन इस बात को चरितार्थ भी करता है। कोशी शिखर सम्मेलन सहरसा और कोशी के विकास में अपनी एक अहम भूमिका निभाने जा रही है। अपनी एक बड़ी महत्वकांक्षी परियोजना सहरसा विश्वविद्यालय पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय की परिकल्पना उन्होंने तब ही कर ली थी जब वाराणसी कैंट स्टेशन पर वो ऑटो वाले को बीएचयू लंका बीएचयू लंका बोलते हुए सुनते थे। तब उनके मन में यह बात आती थी कि काश सहरसा जंक्शन पर भी ऐसे ही ऑटो सहरसा यूनिवर्सिटी करते हुए खुलती।
सम्मेलन में स्वागत भाषण संस्थापक अभिनव नारायण झा एवं धन्यवाद ज्ञापन सोमू आनंद ने किया। सम्मेलन में आयोजन समिति के सदस्य राजा रवि पूरी कार्यक्रम के दौरान मंच संचालन कर रहे थे।