पटना : केंद्रीय मेट्रो नीति शनिवार को दिल्ली में लांच कर दी गयी. इसके साथ ही पटना समेत देश भर में मेट्रो प्रोजेक्टों को गति मिलेगी. विभिन्न राज्यों से भेजे जानेवाले नये मेट्रो रेल प्रोजेक्ट पर केंद्र सरकार द्वारा सहमति दी जायेगी. राज्य सरकारों के लिए नयी मेट्रो नीति आने के बाद डीपीआर तैयार करने में परेशानी का बार-बार सामना नहीं करना पड़ेगा. इस समारोह में शामिल होने पहुंचे नगर विकास एवं आवास विभाग के विशेष सचिव संजय दयाल ने बताया कि अब पटना मेट्रो प्रोजेक्ट का रास्ता भी साफ हो गया है कि पुरानी डीपीआर में क्या परिवर्तन करना है और नयी डीपीआर में क्या जोड़ना है.
उन्होंने बताया कि आगामी छह माह में पटना मेट्रो प्रोजेक्ट के डीपीआर निर्माण का कार्य पूरा करने की जिम्मेदारी राइट्स को दी गयी है. इधर, नगर विकास एवं आवास मंत्री सुरेश कुमार शर्मा ने बताया वह 24 सितंबर को दिल्ली जा रहे हैं. भाजपा कोटे से मंत्री बने श्री शर्मा को विश्वास है कि दिल्ली में वह तीन-चार दिनों में मेट्रो के लिए होनेवाले खर्च को लेकर केंद्र व एजेंसियों के साथ सकारात्मक बातचीत करेंगे.
नगर विकास एवं आवास विभाग के विशेष सचिव संजय दयाल ने बताया कि सबसे पहले पटना मेट्रो की पुरानी डीपीआर में सुधार की जरूरत है. पुरानी डीपीआर में सुधार के लिए राइट्स को जिम्मेदारी दी गयी है.
छह माह में राइट्स डीपीआर में सुधार करके सरकार को सौंपेगी. समय पर डीपीआर तैयार हुआ, तो यह काम मार्च, 2018 तक पूरा होगा. इसके बाद केंद्र सरकार द्वारा उस डीपीआर का मूल्यांकन किया जायेगा. उसके बाद अनापत्ति प्रमाण पत्र के लिए भेजा जायेगा. श्री दयाल ने बताया कि उसके बाद सैद्धांतिक सहमति मिलेगा. इसमें दो-तीन माह लगेंगे. एसपीवी व पीएमसी का टेंडर के माध्यम से चयन होगा. इसमें भी तीन माह लगेंगे. टेंडर का काम शुरू होगा. टेंडर फाइनल होने में दो-तीन माह लग जायेंगे.
इस तरह 2019 तक काम की शुरुआत हो सकती है. विशेष सचिव संजय दयाल ने बताया कि केंद्र सरकार से मंजूरी नहीं मिल जाती, तब तक नहीं कह सकते कि निर्माण में कितना समय लगेगा. सब कुछ होने के बाद मेट्रो को दौड़ाने में निर्माण कार्य शुरू होने के बाद दो-तीन साल लग जायेंगे. नागपुर मेट्रो का काम ढाई साल पहले शुरू हुआ है पर अभी तक चालू नहीं हुआ.