गंगा की लगातार बिगड़ती हालत का जायजा लेने के लिए केंद्रीय टीम 10 जून के पहले बिहार आएगी।
टीम के सदस्य चौसा (बक्सर) से लेकर पीरपैंती (भागलपुर) तक का दौरा करके नदी में गाद की समस्या और बिहार पर बाढ़ के खतरे को देखेंगे।
शनिवार को हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गंगा की हालत पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ बैठक में केंद्रीय टीम को बिहार भेजने पर सहमति जता दी।
मुख्यमंत्री ने मानसून आने से पहले टीम भेजने का अनुरोध किया था। उन्होंने मोदी को गंगा पर तैयार किया गया पटना डिक्लेरेशन का मसौदा सौंपा। बाद में पीएम के निर्देश पर केंद्रीय जहाजरानी मंत्रालय के सचिव आलोक श्रीवास्तव और जल संसाधन मंत्रालय के सचिव अमरजीत सिन्हा ने बिहार भवन जाकर गंगा की अविरलता पर सीएम के साथ बात की।
प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद नीतीश ने कहा कि पीएम ने हमारी मांग मान ली है। एक विशेषज्ञ दल स्थल भ्रमण करने बिहार आएगा। इस बीच केन्द्रीय मंत्रालयों के अधिकारियों ने उनसे गंगा की अविरलता विषय पर बात की है।
हम इसके लिए पीएम के आभारी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा की अविरलता के बिना इसकी निर्मलता सम्भव नहीं है। गंगा से मेरा भावनात्मक लगाव है। गंगा नदी के किनारे मेरा जन्म हुआ है।
मेरी पढ़ाई लिखाई भी गंगा नदी के किनारे ही हुई है। मैं गंगा के किनारे रह कर राज्य की सेवा कर रहा हूं। मैंने अपने पत्र में गंगा में गाद के कारण बिहार में रही समस्याओं के बारे में विस्तार से उल्लेख किया है।