1993 हीरो कप और 1996 विश्व कप क्रिकेट के बाद एक बार फिर मोइनुलहक स्टेडियम में राज्य के क्रिकेट प्रेमी अंतरराष्ट्रीय मैच देख सकेंगे।
इसके लिए स्टेडियम को फिर से तोड़कर अत्याधुनिक तरीके से बनाया जाएगा। सरकार की सहमति हो गई है, और इसे बनाएगा भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ)।
कुल मिलाकर बीसीसीआइ के पैसे से मोइनुल हक स्टेडियम को फिर से सजाया संवारा जाएगा।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बिहार क्रिकेट एसोसिएशन ने दो दिन पूर्व एमओयू सरकार के पास भेजा था, जिसके बाद बीसीसीआइ के वरीय अधिकारी और सरकारी महकमे से बातचीत के उपरांत दोनों पक्षों के बीच सहमति बन चुकी है।
मुख्यमंत्री ने भी इसमें हामी भर दी है। बीसीए सूत्रों के अनुसार, बीसीसीआइ द्वारा पहले इस मद में सौ करोड़ रुपए दिए जाते थे, लेकिन वर्तमान समय में कुछ कटौती हुई है।
बिहार के मामले में कुछ विशेष रियायत मिल सकती है। इस बीच बीसीए के सचिव रविशंकर प्रसाद सिंह ने बताया कि एमओयू पर बीसीए साइन करेगा।
फिर उसे वह बीसीसीआइ के पास भेजेगा।
इसके बाद बीसीसीआइ के निर्देशानुसार, स्टेडियम की डिजाइन और अन्य काम को अंजाम दिया जाएगा।