पटना के बिजली विभाग परिसर में खुला नया ऊर्जा कैफेटेरिया कलात्मकता की दृष्टि से अनूठा है। अनूठा इसलिए कि इसमें पुरानी एम्बेसडर कार को आधा काट कर सोफे बनाए गए हैं।
तो पुराने तेल के ड्रम को काट कर कुर्सियां,पावर सब स्टेशन के कंट्रोल पैनल की मेज़, ट्रांसफार्मर के सामान का भी इस्तेमाल किया गया है। ये सभी रद्दी सामान राज्य के विभिन्न ऊर्जा विभागों के डंपिंग यार्ड से इकट्ठा किए गए हैं।
पुरानी चाय की केतली जो एक थर्मल पावर हाउस में इस्तेमाल होती थी उसे दीवार पर डेकोरेटिव के तौर पर इस्तेमाल किया गया है। टूटी साइकिल के हिस्से को साइन बोर्ड की तरह इस्तेमाल किया गया जिसे बिजली विभाग के कर्मचारी चलाया करते थे।
पुरानी एम्बेसडर कार जिसका सोफा बना है, बिजली विभाग के सचिव इस्तेमाल करते थे। केबल रोल में लगी लकड़ियों को मेनू बोर्ड बनाया गया। पुरानी लकड़ी को दीवार घड़ी का मॉडल रूप दिया गया है।
तरह अन्य कई रद्दी सामान से इसका इंटीरियर तैयार किया गया है।
इस कॉफी हाउस का इंटीरियर देखते ही बनता है। पटना के ही डिजाइनर मंजीत सिंह और नेहा सिंह ने इसे कार्यरूप दिया है। इसका औपचारिक उद्घाटन ऊर्जा मंत्री के हाथों हुआ है।
प्रत्यय अमृत ने बताया की 1800 स्क्वायर फ़ीट के इस कैफ़े हाउस का ‘थीम’ एनर्जी यानी ऊर्जा है,जहां लोग मसाला चाय के साथ-साथ चाय के कई फ्लेवर का आनंद उठा सकते हैं। चाय के साथ यहां कॉफी अन्य ऑर्गेनिक खाद्य सामग्री का स्वाद भी ले सकते हैं।