अगले महीने होने वाले राष्ट्रपति चुनाव को लेकर भाजपा के खिलाफ नयी गोलबंदी की शुरुआत हो रही है। इसके बहाने गैरभाजपा दल 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए नये-नये सहयोगियों की तलाश कर रहे हैं।
नयी गोलबंदी की कोशिश में नीतीश कुमार भी गैरभाजपा दलों के साथ होंगे, लेकिन राष्ट्रपति के लिए भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण-आडवाणी एनडीए के उम्मीदवार होंगे तो नीतीश कुमार आडवाणी के पक्ष में मतदान करेंगे यानी भाजपा के साथ खड़े होंगे।
नीतीश कुमार के एक विश्वस्त सहयोगी ने बताया कि नीतीश कुमार विपक्षी दलों की एकता के प्रबल पक्षधर हैं, लेकिन राष्ट्रपति चुनाव को विपक्षी दलों की गोलबंदी के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। कम से कम जदयू राष्ट्रपति चुनाव को विपक्षी दलों की एकता का माध्यम नहीं मानता है।
भाजपा में ही कई वरिष्ठ नेता नीतीश कुमार के निकट सहयोगी रहे हैं, जिनके साथ नीतीश कुमार का संबंध काफी बढि़या रहा है। उनमें पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी भी एक हैं।