पटना में जाम की समस्या हर दिन बढ़ती ही जा रही है. जाम की समस्या ने आम लोगों के साथ-साथ वीआईपी लोगों को भी परेशान कर रखा है.
शुक्रवार शाम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की गाड़ी भी ट्रैफिक जाम में फंस गई. मुख्यमंत्री की गाड़ी ट्रैफिक जाम में रुकने से पुलिस अधिकारियों में हड़कंप मच गया और वे जाम से गाड़ी निकलवाने में लग गए.
दरअसल वह पूर्व सांसद श्यामा सिन्हा के श्राद्धकर्म में भाग लेने के बाद बोरिंग रोड स्थित उनके आवास से वापस लौट रहे थे.
शहर में फिर सड़क जाम से लोग हलकान रहे। कहीं जर्जर सड़क तो कहीं अवैध पार्किंग के कारण विभिन्न जगहों पर दिन भर समस्या गंभीर बनी रही।
इस दौरान एम्बुलेंस के अलावा स्कूली बसों में बैठे बच्चों का बुरा हाल था। सबसे बुरी स्थिति अशोक राजपथ पर थी जहां सायरन की आवाज के बावजूद एम्बुलेंस का आगे बढ़ना मुश्किल था।
हैरत की बात तो यह है कि पीरबहोर थाने के समीप से लेकर आगे तक जगह-जगह पर यातायात पुलिस और स्थानीय थाने के जवान तैनात रहते हैं इसके बावजूद हालात नहीं सुधर रहा है।
दूसरी तरफ बारी पथ, बाकरगंज, न्यू डाकबंगला रोड, बुद्ध मार्ग, बोरिंग रोड और पुरानी बाइपास सड़क पर कई जगहों पर जाम के कारण लोगों का सड़क पार करना भी मुश्किल था।
बुद्ध मार्ग में अक्सर उस समय अजीबोगरीब स्थिति हो जाती थी जब सड़क के एक ही हिस्से में वाहनों का दोनों तरफ आना-जाना शुरू हो जाता था।
कई बार तो वाहनों की टक्कर और चालकों की बकझक ने भी जाम की समस्या बढ़ा दी। इधर स्टेशन गोलंबर के समीप हर तरफ टेम्पो चालकों की अवैध पार्किंग के कारण दूसर वाहनों का निकलना मुश्किल हो जाता था।
आलम यह था कि वहां ट्रैफिक पुलिस के जवानों की तैनाती होने के बावजूद फ़्रेज़र रोड की तरफ सड़क के आधे भाग पर टेम्पो खड़ा कर यात्रियों की तलाश की जा रही थी।