आज चैती छठ का खरना है। छठव्रती आज खरना करेंगे। कल शाम को अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अर्घ्य दिया जाएगा। 3 April अर्थात् सोमवार की सुबह उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा।आज व्रत रखने वाले व्रती खरना करेंगे। दो अप्रैल की शाम को अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अर्घ्य दिया जाएगा। तीन अप्रैल सोमवार की सुबह उदीयमान सूर्य को व्रती अर्घ्य देंगे। इसके बाद व्रती पारण करेंगे।
इसके साथ ही चैती छठ संपन्न हो जाएगा। इस बीच राजधानी के गंगा घाटों पर शुक्रवार को नहाय-खाय के लिए व्रतियों की भीड़ उमड़ी। स्नान-ध्यान के बाद छठव्रती अरवा चावल का भात, कद्दू की सब्जी चने की दाल का प्रसाद ग्रहण किया।.jpg)
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सूर्योपासना का यह अनुपम महापर्व मुख्य रूप से बिहार, झारखंड, उत्तरप्रदेश सहित सम्पूर्ण भारतवर्ष में बहुत ही धूमधाम और हर्षोल्लास पूर्वक मनाया जाता है।.jpg)
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यूं तो सद्भावना और उपासना के इस पर्व के सन्दर्भ में कई कथाएं प्रचलित हैं, किन्तु पौराणिक शास्त्रों के अनुसार जब पांडव जुए में अपना सारा राजपाट हार गए, तब द्रौपदी ने छठ का व्रत रखा, फलस्वरूप पांडवों को अपना राजपाट मिल गया।