वाशिंगटन, 08 अगस्त (हि.स.)। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सबसे बड़ी चुनौती मानते हैं, क्योंकि वह चीन को रोकने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसी राय चीनी मामले के एक अमेरिकी विशेषज्ञ की है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, चीन और भारत के बीच चल रहे डोकलाम विवाद पर अमेरिका लगातार नजर बनाए हुए है। इस बीच एक शीर्ष अमेरिकी विशेषज्ञ बोनी ग्लेसर ने कहा है कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की राय में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक ऐसे नेता हैं जो भारतीय हितों के लिए खड़े होते हैं।
उन्होंने कहा कि जिनपिंग को मोदी खटक रहे हैं, क्योंकि चीन को रोकने वाले देशों के साथ वह मिलकर काम करना चाहते हैं। शायद इसी बात से जिनपिंग चिंतित हैं। सेंटर फॉर स्ट्रेटजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज (सीएसआईएस) की बोनी एस ग्लेसर ने कहा कि चीन को रोकने के लिए मोदी अन्य देशों के साथ काम करने के इच्छुक हैं जिनमें अमेरिका और जापान अहम हैं। उन्होंने कहा कि भारत के साथ लगातार बिगड़ रहे संबंध में चीन को कोई फायदा होते नहीं दिख रहा है।
उन्होंने कहा कि कुछ समय पहले जब शी जिनपिंग दिल्ली गए थे, तो उन्हें लगा था कि पीएम मोदी की नीति चीन विरोधी नहीं होगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। भारत लगातार चीन के विरोध में दिखा जिसका उदाहरण दक्षिणी चीन सागर के मुद्दे में भी दिखा। ग्लेसर 1997 में चीन पर अमेरिकी रक्षा विभाग की विशेष समिति की सदस्य रही हैं।
उन्होंने कहा कि चीन भारत को एक बड़ी चिंता मानता है, जो आगे खतरनाक हो सकती है। हालांकि हाल के समय में चीन की सबसे बड़ी चिंता यह है कि भारत दूसरे देशों के साथ आ रहा है, जिससे वह एशिया में चीन के महाशक्ति बनने के मार्ग में दीवार बन रहा है। उन्होंने लिखा कि चीन भारत को रक्षात्मक तौर पर तो कोई खतरा नहीं मानता है पर राजनीतिक तौर पर वह बड़ा खतरा है।