दुर्गापूजा की तैयारी अंतिम चरण में है। पंडाल और प्रतिमा को अंतिम रूप दिया जा रहा है। मंदिर भी सज-संवर कर तैयार हो गए हैं। बाजार फल-फूल और पूजा सामग्री से पटा हुआ है।
शुद्ध और सात्विक माहौल का वातावरण तैयार हो गया है। हवा में धूप की सुगंध है। जो वातावरण को सुगंधित बना दे रहा है।
सब्जी बाजार में सब्जी कम, फल ज्यादा बिक रहे हैं। दूध और दूध से बने उत्पादों की बिक्री बढ़ गई है। दूध, फल और फूल की दुकानों पर सुबह से भीड़ जुटने लग रही है।
फूल खरीदने के लिए इंतजार भी करना पड़ रहा है। फूल की कीमत भी बढ़ गई है। सबसे अधिक अड़हुल फूल और माला की बिक्री हो रही है।
कोई 108 तो कोई 51 अड़हुल फूल का माला खरीद रहा है। मंदिर और पंडालों में पूजा गीत की धूम है। पूजा पंडालों में सुबह से हिंदी और भोजपुरी फिल्म के धुन पर बनाए भजन बज रहे हैं।
ज्यादातर गीत भोजपुरी में है। वीणा बजाई पूजा लेबे के पड़ी….मईया जवन जवन मांगब तवन देबे के पड़ी…लक्ष्मी मांगिला लक्ष्मी देबे के पड़ी… जैसे गीत खूब बज रहे हैं।
मां के इन भजनों को लोग पंडाल या मंदिर के आसपास खड़े होकर सुन भी रहे हैं।
श्रीश्री शांतेश्वर शिवलोक मंदिर, राजीवनगर स्थित रोड नंबर 24 स्थित श्री श्री 108 दुर्गापूजा समिति द्वारा 25 साल से महाप्रसाद का वितरण किया जा रहा है। सप्तमी को हलवा, अष्टमी को खीर, नवमी को खिंचड़ी।
1993 में यहां दुर्गापूजा समिति का गठन हुआ था। अध्यक्ष संजय सिंह ने बताया कि बुधवार को ढोल नगाड़े के साथ मां भगवती का पट सुबह 9.30 बजे खोला जाएगा। इस दिन हलवा का महाप्रसाद भक्तों के बीच वितरण होगा।