10 साल पहले जब यहां हैकिंग के बारे में शायद ही कोई जानता था, उस वक्त ना हीं किसी को ये पता था कि आने वाले वक्त में इंडिया डिजिटल होने वाला है। मगर, बिहार के गोपालगंज के रोहित श्रीवास्तव का दिमाग डिजिटाइजेशन को लेकर एकदम से क्लियर था।
वो पहले ही भांप गए थे कि आने वाला दौर कैसा होगा। शायद यही कारण है कि वर्ष 2006 में ही रोहित ने साइबर सिक्यूरिटी के क्षेत्र में काम करने के लिए अपना एक स्टार्ट-अप शुरु किया जिसका नाम रखा गया CLUBHACK।
कंपनी के नाम के बीच में हैक शब्द जुड़ा था. इसीलिए पहली दफे तो आईटी कंपनियों ने मुंह मोड़ लिया। लेकिन, थोड़े ही दिनों में साइबर सिक्यूरिटी उनकी जरूरत बन गई। तब तक रोहित अपना दूसरा स्टार्ट -अप शुरु कर चुके थे. इस बार आई टी कंपनियों को वापस आना ही पड़ा। थोड़े ही दिनों में रोहित की कंपनी Juneco Tech। आईटी कंपनियों का भरोसा बन गई. इसी को देखते हुए भारत की सबसे प्रतिष्ठित साइबर सिक्यूरिटी कंपनी Quickheal ने रोहित की Juneco Tech को अधिगृहित कर लिया।
आज के समय में रोहित श्रीवास्तव का फर्म QuickHeal की एकेडमी और कंसल्टेंसी का जिम्मा संभाल रहा है. हाल ही में वाइब्रेंट गुजरात सम्मिट के दौरान क्विकहील ने पीएम मोदी के महत्वाकांक्षी डिजिटल इंडिया के सपने को सही मायनों में जमीन पर उतारने के लिए गुजरात फोरेन्सिक साइंस यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर एक MOU किया है।
MOU के तहत क्विकहील एकेडमी यूनिवर्सिटी के छात्रों को साइबर सिक्यूरिटी के क्षेत्र के लिए तैयार करेगी।
मूल रूप से बिहार के गोपालगंज जिले के मीरगंज के रहने वाले रोहित श्रीवास्तव के पिता फौज में थे। कहीं एक जगह स्थिर होकर पढ़ाई नहीं कर सके। पूरा हिन्दुस्तान घूमते हुए उच्च शिक्षा के लिए पुणे के सिम्बायोसिस कॉलेज में चले गए। वहां से पढाई पूरी करने के बाद बतौर आईटी प्रोफेशनल कई कंंपनियों में नौकरी भी की।