उत्तर बिहार में मंगलवार को समस्तीपुर, दरभंगा और मुजफ्फरपुर जिले में बाढ़ का कहर जारी रहा। अन्य जिलों में नदियां मूल स्वरूप में लौट गई हैं। प्रशासनिक स्तर पर क्षति का आकलन किया जा रहा है। राहत से वंचित लोगों ने कई स्थानों पर हंगामा और सड़क जाम किया।
डूबने से ग्यारह लोगों की मौत की खबर है। इनमें पश्चिम चंपारण के एक, पूर्वी चंपारण के छह, समस्तीपुर-सीतामढ़ी के एक-एक और दरभंगा के दो लोग हैं। बाढ़ में अब तक मरनेवाले वालों की संख्या 175 हो गई है।
मुजफ्फरपुर में बूढ़ी गंडक रौद्र रूप में है। इसके जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है। बीते 24 घंटे में करीब छह सेमी की बढ़ोतरी हुई है। इस कारण मुजफ्फरपुर शहर में बाढ़ की स्थिति धीरे-धीरे भयावह होती जा रही है।
मंगलवार को मालीघाट, चूना भट्ठी रोड, रामबाग चौरी व शास्त्री नगर इलाकों में पानी प्रवेश कर गया। यह तेजी से फैल रहा है। कोठिया में कई जगहों पर सड़कों के ऊपर से तेज गति से पानी का बहाव हो रहा है।
डीएवी मालीघाट और डॉल्फिन स्कूल परिसर में एक फीट तक पानी भर गया। दोपहर बाद से स्कूल को अगले आदेश के लिए बंद कर दिया गया है। पश्चिम चंपारण के मझौलिया प्रखंड की हरपुर गढ़वा पंचायत के लोगों ने राहत नहीं मिलने पर अंचल कार्यलय परिसर में जमकर बवाल कटा।
मोतिहारी-लखौरा पथ पर तंबू में रह रहे लोगों ने सरकारी राहत के अभाव में सड़क पर चूल्हा बनाना शुरू कर दिया। मधुबनी जिले में नदियां खतरे के निशान से नीचे हैं।
समस्तीपुर में बूढ़ी गंडक नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि को देखते हुए नीम गली के पास स्लूस गेट को बंद कर दिया गया है।
सीतामढ़ी में पानी घटने के बाद क्षति का आकलन किया जा रहा है। रुन्नीसैदपुर -भिस्वा एनएच -887 सी में तीन जगहों पर भंग सड़क संपर्क को बहाल कर दिया गया है। दरभंगा जिले में तबाही अभी खत्म नहीं हुई है।
हनुमान नगर व हायाघाट में पानी बढ़ा है। रेल पुल के पास पानी के दबाव से सुरक्षा बांध पर खतरा है। राहत की मांग को लेकर सड़क जाम किया गया। दरभंगा-समस्तीपुर रेलखंड पर चौथे दिन भी परिचालन बंद रहा। घनश्यामपुर प्रखंड में पीड़ा कम नहीं हो रही है।