बिहार के दरभंगा में जन्मे एक्टर और कॉमेडियन संजय मिश्रा पिता की मौत के बाद मायूस हो गए थे। इसलिए उन्होंने एक्टिंग छोड़ ढाबे पर काम करना शुरू कर दिया था।
कहा जाता है कि इसी दौरान रोहित शेट्टी ने उन्हें गोलमाल मूवी में काम करने का ऑफर दिया जो उनके करियर का टर्निंग प्वाइंट रहा। 1 जुलाई को इंटरनेशनल जोक डे है।
संजय के पिता शम्भुनाथ मिश्रा पेशे से जर्नलिस्ट थे। जबकि उनके दादा डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट थे। बिहार के दरभंगा में जन्मे सजंय जब नौ साल के थे तो उनकी फैमिली वाराणसी शिफ्ट हो गई थी।
संजय ने अपनी एजुकेशन वाराणसी से केंद्रीय विद्यालय बीएचयू कैम्पस से की। इसके बाद इन्होंने बैचलर की डिग्री साल 1989 में पूरी करने के बाद 1991 में राष्ट्रीय ड्रामा स्कूल में एडमिशन लिया।
आज संजय के पास फॉर्च्यूनर और BMW जैसी लक्जरी गाड़ियां हैं। पटना और मुंबई में कई घर हैं। कभी मुफलिसी में दिन बिताने के लिए मजबूर हुए संजय मिश्रा आज करीब 20 करोड़ के मालिक हैं।
संजय मिश्रा ने सीरियल चाणक्य से अपने करियर की शुरुआत की थी। बता दें कि करियर के शुरुआती दिनों में ही संजय के पिता की डेथ हो गई थी।
इसके बाद संजय का मन एक्टिंग में नहीं लगा। जिसके बाद वे मुंबई न जाकर उत्तराखंड (तब उत्तर प्रदेश) के ऋषिकेश चले गए। यहां वे एक ढाबे पर काम करने लगे।
संजय की लाइफ और करियर में टर्निंग प्वाइंट तब आया जब रोहित शेट्टी ने उन्हें अपनी फिल्म ‘गोलमाल’ में काम करने का ऑफर दिया।
कहा जाता है कि इसके बाद भी संजय फिल्मों में काम नहीं करना चाहते थे। लेकिन रोहित ने ही अपनी अगली फिल्म ‘ऑल द बेस्ट’ में एक बार फिर काम करने का ऑफर दिया। इसके बाद तो फिर संजय ने पलटकर नहीं देखा।
बताया जाता है कि ग्रेजुएशन की पढ़ाई के बाद संजय ने दिल्ली के नेशनल स्कूफल ऑफ ड्रामा में एडमिशन लिया। इस दौरान ही उन्होंने एक्टिंग की एबीसीडी सीखी।
संजय की शादी साल 2009 में किरण मिश्रा से हुई है।
दोनों के दो बच्चे हैं- पाल मिश्रा और लम्हा मिश्रा।