आज नवमी पूजन है यानी कन्यापूजन। एक साथ नौ देवियों की पूजा। नवरात्र के नौवें दिन सिद्धिदात्री की पूजा होती है। यानी अष्टमी पूजन के बाद मां अपने भक्तों की पूजा से प्रसन्न होती हैं और नौवें दिन सिद्धि दात्री के रूप में भक्तों पर अपनी कृपा बरसाती हैं।
आज घर-घर में नौ कन्याओं की पूजा हो रही है । पंडित मार्कंडेय शारदेय के अनुसार नवरात्र में कन्यापूजन का विशेष महत्व है। गुरुवार को अष्टमी तिथि शाम पांच बजे तक तक थी। इसके बाद नवमी तिथि प्रारंभ हो गयी, जो आज पूरे दिन रहेगी। इस दिन कन्यापूजन व हवन कार्य किये जायेंगे।
अभिजीत मुहूर्त में कन्यापूजन
कन्यापूजन के लिए अभिजीत मुहूर्त सर्वश्रेष्ठ है, जो 11:47 से लेकर 12:31 मिनट तक है। देवी दुर्गा का नौवां स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा का विशेष महत्व है। ये सभी प्रकार की सिद्धियां देनेवाली हैं। शास्त्रों के अनुसार नवमी व हवन पूजन के साथ दो से नौ वर्ष की कन्याओं का पूजन किये जाने की परंपरा है।
नवरात्र में पूरे नौ दिनों तक उपवास रख कर पूजा करनेवाले व्रती शुक्रवार को कन्यापूजन व हवन करेंगे। पारण नौ बजे के बाद होगा। शुक्रवार को रात्रि नौ बजे तक नवमी तिथि है। व्रती इसके बाद पारण कर सकेंगे। अगले दिन यानी शनिवार को कलश हिलावन व देवी की प्रतिमा का विसर्जन कर सकेंगे।