हम भले ही नारी सशक्तिकरण की जितनी भी बातें कर लें, लेकिन आज भी ज्यादातर महिलों के लिए घर की चारदीवारी से बहार निकल कर कुछ करना एक सपना जैसा होता है। जो लड़कियां आज किसी न किसी क्षेत्र में पूरे दम ख़म के साथ सफलता के परचम लहरा रहीं हैं, उनकी सफलता में उनके परिवार का योगदान अवश्य होता है जो उन्हें पूरी तरह से सपोर्ट करते हैं, आगे बढ़ने के लिए।
उन्ही लड़कियों में एक हैं बिहार की प्रेरणा जिन्हें उनके पिता का सहयोग तो मिला ही, शादी के बाद पति ने भी हर कदम पर आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया। देश की सबसे प्रतिष्ठित सिविल सर्विसेज की परीक्षा में सफल होने वाली प्रेरणा दीक्षित अपनी सफलता का श्रेय अपने पिता और पति को देती हैं।
यूपीएससी की परीक्षा में ऑल इंडिया में 57वां रैंक लाने वाली बिहार की बेटी प्रेरणा ने बताया. अपने तीसरे प्रयास में आईएएस बनने वाली प्रेरणा पिछले तीन साल से डीएफओ यानि वन पदाधिकारी के पद पर कार्यरत हैं. समस्तीपुर के एक शिक्षक दम्पति की बेटी प्रेरणा दीक्षित ने शहर के होली मिशन स्कूल से दसवीं की परीक्षा पास करने के बाद पटना सेंट्रल स्कूल से प्लस टू की परीक्षा पास की.
इसके बाद उन्होंने भेल्लौर से बायोटेक की पढ़ाई की, फिर एनआईटी राउरकेला से एमटेक की डिग्री हासिल की. इसी दौरान प्रेरणा को टीसीएस और एचसीएल से ऑफर भी मिले, लेकिन उन्होंने लाखों का पैकेज छोड़ कर सिविल सेवा में जाने का फैसला लिया. दीक्षित ने पढ़ाई के बाद इंडियन फॉरेस्ट सर्विसेज की परीक्षा दी और पहली बार में ही 16वां रैंक हासिल कर सफलता प्राप्त किया.
आम तौर पर शादी के बाद लड़कियों के साथ नौकरी, पढ़ाई के एडजस्टमेंट को लेकर समस्या आती है, लेकिन प्रेरणा को इस मामले में बिल्कुल अलग माहौल मिला. उनके पति लक्ष्मण जो इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान उनके बैचमेट भी थे, ने शादी के बाद न केवल मानसिक रूप से सपोर्ट किया बल्कि पढ़ाई में मदद कर मेंटोर भी बने.