पटना : डिजिटल इंडिया के दौर में राज्य सरकार ने भी अपने विभागों को पेपरलेस करने का अभियान छेड़ दिया है। इसके तहत सभी विभागों को मार्च, 2018 से डिजिटली अपडेट कर दिया जायेगा। विभागों में आने वाली डाक का जहां ऑनलाइन निबटारा मार्च तक शुरू हो जायेगा, वहीं, 2019 तक सभी फाइलों का निबटारा ऑनलाइन किया जायेगा। इससे पेपर की बचत तो होगी ही, फाइलों को ट्रैक करना भी आसान होगा।
राज्य के सभी विभाग पेपरलेस होंगे। सभी विभागों को मार्च 2018 से पेपर लेस किया जायेगा। विभागों में आने वाली डाक का जहां ऑनलाइन निबटारा मार्च तक शुरू हो जायेगा, वहीं, 2019 तक सभी फाईलों का निबटारा ऑनलाइन किया जायेगा। इससे एक क्लिक में फाईल मिल जायेगी और वह कहां पेंडिंग है उसका पता चल जायेगा। फाइल के निबटारे में अनावश्यक समय नहीं लगेगा और काम आसानी से हो सकेगा। राज्य सरकार ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। विभागों को पेपर लेस करने के बाद जिला मुख्यालयों के कार्यालयों को पेपर लेस किया जायेगा, ताकि वहां भी काम ऑनलाइन हो सके। फिलहाल श्रम संसाधन, सूचना प्रावैधिकी और उद्योग विभाग में बाहर से आने वाले डाक को पेपर लेश किया गया है और उसका ऑनलाइन निबटारा किया जा रहा है। सभी विभागों में शुरुआत में आने वाले डाक को ऑनलाइन किया जायेगा, ताकि बाहर के आने वाले पत्रों को एक क्लिक कर आगे फॉरवर्ड किया जा सके। कौन अधिकारी कितने दिन में निबटारा करते हैं यह भी पता चल जायेगा।
एक क्लिक में मिलेगी फाइलों की जानकारी फाइलों के ऑनलाइन होने से एक क्लिक में उसकी जानकारी मिल जायेगी। पेपर की बचत तो होगी ही, जिस प्रशाखा पदाधिकारी या उच्च अधिकारियों को इसमें नोटिंग लिखना होगा वह उस पर ऑनलाइन नोटिंग लिख देंगे। फाइलों के ऑनलाइन होने से वह किसी जगह पर ज्यादा दिनों तक रूकी नहीं रहेगी। विभाग के उच्च अधिकारी देख सकेंगे कि किसने कितने दिनों तक फाइल को रोक कर रखा। इससे एक समय सीमा और जिम्मेदारी तय कर दी जायेगी कि फाइल का निबटारा इतने दिनों में कर दिया जाना है। इससे फाइलों के निबटारे में तेजी आयेगी और जो काम महीने में होना है वह दो-चार दिनों में हो जायेगा। इसके लिए फाइलों का डिजिटिलाइजेशन किया जायेगा।
सिर्फ ऑनलाइन पर निर्भर रहने से सॉफ्टवेयर क्रैश होने का रहेगा खतरा विभाग में कई तरह की फाइलें होती है। सभी का ऑनलाइन निबटारा करने पर अगर किसी समय सॉफ्टवेयर क्रेश करता है तो पूरी फाइल की प्रक्रिया फिर से शुरू करनी पड़ेगी। इसके लिए फाइलों का एक बैकअप भी तैयार करना होगा, ताकि किसी आपात स्थिति में भी ऑनलाइन फाइल्स सुरक्षित रहें। अगले दो सालों में एचआरएमएस के जरिये विभागों को फाइललेस कर दिया जायेगा। सब कुछ ऑनलाइन हो जायेगा। शुरुआत सीएफएमएस के जरिये हो चुकी है और अगले साल सभी विभागों में इसे अनिवार्य रूप से लागू किया जायेगा। राहुल सिंह, सचिव, सूचना व प्रावैधिकी विभाग