राजगीर में कभी चलता था मगध सम्राट अजातशत्रु का राज, आज भी गौरव गाथा बयां करते हैं…

इतिहास

ऐतिहासिक प्राचीन अजातशत्रु किला मैदान पुरातत्व विभाग की लापरवाही के कारण असामाजिक तत्वों के निशाने पर है और यहां खुदाई की मनाही के बावजूद लोग जहां-तहां खुदाई कर इसे क्षति पहुंचा रहे हैं।

किला मैदान की मिट्टी अपने अंदर मगध का प्राचीन इतिहास और पुरातात्विक अवशेष का भंडार छिपाए हुए है और लालचवश लोग इसे खत्म करने पर तुले हैं।

जिस विभाग को इसे सहेजना और खुद के बनाए गए नियम पर अमल करना है वही विभाग लापरवाह बना है।

किला मैदान के क्षेत्र में खुदाई करना या किसी भी प्रकार की क्षति पहुंचाने पर दंड या सजा का प्रावधान है फिर भी विभाग के पदाधिकारी इस पर सचेत नहीं हैं और इसकी खुदाई की जा रही है।
मैदान के किनारे में अवशेष के रूप में टीला बच रहा है।

लोग बताते हैं कि इसकी खुदाई होने पर प्राचीन बेशकीमती पत्थर, बर्तन के टुकड़े, नग, नगीने, सिक्के आदि निकलते हैं।
इसी कारण यह असामाजिक तत्वों के निशाने पर रहता है। बताया जाता है कि 40 वर्ष पूर्व किला मैदान के कुछ भाग की खुदाई कराई गई थी।

इसमें अजातशत्रु की चांदी की तलवार, जंजीर, सिक्के सहित कई तरह के अवशेष मिले थे जो आज पुरातत्व विभाग के संरक्षण में रखा हुआ है।

छठी शताब्दी में मगध साम्राज्य के सम्राट बिम्बिसार के पुत्र अजातशत्रु का यहां किला था। जहां से पूरे मगध राज्य का शासन-प्रशासन संचालित होता था। आज भले ही इसका अस्तित्व जमींदोज हो चुका है।

लेकिन कभी यहां भव्य किला हुआ करता था। किला का निर्माण राजा बिम्बिसार ने 540 ईसा पूर्व करवाया था। पिता के बाद वह मगध का शासक बना था।

आज वही अजातशत्रु का किला मैदान के रूप में जाना जाता है। इतिहासकार आज भी यहां आकर शोध करते हैं। पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केन्द्र होता है।

स्थानीय लोग इसकी स्थिति पर चिंता जता रहे हैं और उनकी इच्छा है कि विभाग इसकी सही तरीके से देखरेख करे। स्थानीय धर्मराज प्रसाद ने कहा कि इन धरोहरों को संजोने की जरूरत है।

पुरातत्व विभाग इसकी खुदाई कराकर पुरातात्विक अवशेषों की खोज करे और इसी स्थान पर संग्रहालय बनाकर संरक्षित करें।
ताकि पर्यटकों को मगध साम्राज्य के इतिहास से रूबरू होने का मौका मिल सके।

निरंजन कुमार ने कहा कि विभाग अवैध खुदाई पर तत्काल रोक लगाए ताकि इसका अस्तित्व बचा रह सके।
उन्होंने इसे अजातशत्रु पार्क के रूप में विकसित किये जाने की मांग की।

सुनील कुमार सिंह ने कहा कि विभाग इस स्थल को संरक्षण देते हुए सौंदर्यीकरण का कार्य करे तो अपने-आप खुदाई काम बंद हो जायेगा। आज भी यहां प्राचीन अवशेष मिल रहे हैं। गणेश कुमार ने कड़ी सुरक्षा इंतजाम किये जाने की मांग की।

पुरातत्व विभाग के संरक्षण सहायक पदाधिकारी किशोरी पासवान ने बताया कि किला मैदान संरक्षित क्षेत्र है और यहां एक इंच की खुदाई करना भी दंडनीय अपराध है।

उन्होंने स्वीकार किया कि अवैध खुदाई को लेकर उनके पास सूचना आई है। वह इसकी जांच करेंगे। खुदाई करते पकड़े जाने पर निश्चित तौर पर कार्रवाई होगी।

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